बहुत तेजी से फैलने वाले बर्ड फ्लू की पुष्टि, मारी गईं 4500 से ज्यादा मुर्गियां.. लोगों में दहशत

बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही मत्स्य और पशु संसाधन विकास विभाग (FARD) तुरंत हरकत में आया. प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है और वहां पोल्ट्री पक्षियों व संबंधित उत्पादों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.

Kisan India
नोएडा | Published: 26 Jul, 2025 | 05:26 PM

ओडिशा के पुरी जिले के डेलंगा के बाद अब खोरधा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त रोकथाम की कार्रवाई शुरू कर दी है. खोरधा के मुंडम्बा गांव में एक प्राइवेट पोल्ट्री फार्म में कई मुर्गियों की रहस्यमय मौत के बाद जांच की गई थी. पशु चिकित्सकों ने सैंपल लेकर भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीजेज (NIHSAD) भेजे थे. रिपोर्ट में खतरनाक और तेजी से फैलने वाले H5N1 बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही मत्स्य और पशु संसाधन विकास विभाग (FARD) तुरंत हरकत में आया. प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है और वहां पोल्ट्री पक्षियों व संबंधित उत्पादों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए आस-पास के इलाकों में भी पक्षियों को मारने (क्लिंग) की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. 11 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें (RRTs) प्रभावित इलाके में तैनात की गई हैं. एहतियात के तौर पर मुंडम्बा गांव में 4,500 से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया है.

संक्रमण को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं

इन टीमों ने 10 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री फार्मों से सैंपल इकट्ठा कर भोपाल की NIHSAD लैब भेजे हैं. वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक भी कर रही हैं, ताकि लोग बीमार या मरे हुए पक्षियों से दूर रहें और किसी भी असामान्य मौत की तुरंत सूचना दें. एक वरिष्ठ पशु चिकित्सक ने कहा कि प्रभावित इलाके में निगरानी और बायो-सिक्योरिटी के कड़े इंतजम किए गए हैं. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि लोगों और पक्षियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

6,000 से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया

बता दें कि बीते दिनों डेलंगा ब्लॉक के बड़ा अंकुला गांव से लिए गए सैंपलों में H5N1 वायरस की पुष्टि हुई थी. तब पुरी जिला प्रशासन ने गांव को तुरंत संक्रमण का केंद्र (एपिसेंटर) घोषित किया और वहां रोकथाम के कई कदम उठाए थे. शुरुआती अनुमान है कि 6,000 से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया था. साथ ही, 10 किलोमीटर के क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई थी और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर सख्त रोक लगा दी गई थी. तब गांव में बीते हफ्ते से पोल्ट्री पक्षियों की असामान्य मौतें हो रही थीं, लेकिन 9 जुलाई को सैंपल जांच के बाद ही बर्ड फ्लू की आधिकारिक पुष्टि हुई थी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?