बारिश से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न.. धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और कपास को भारी नुकसान

हिसार और भिवानी जिलों में भारी बारिश से जलभराव ने खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. धान, ज्वार, कपास समेत कई फसलें डूब गई हैं. किसान मुआवजे और जल निकासी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 19 Jul, 2025 | 01:05 PM

Crop Damage: हरियाणा के हिसार और भिवानी जिले के कई गांवों में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई. इससे भारी जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. खास कर इस जलभराव से खरीफ फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचने की संभावना है. कहा जा रहा है कि सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान और दूसरी मौसमी फसलें पानी में डूब गई हैं. धानाना, मिताथल, तालू, चांग, सुखपुरा, बलियाली, घुसकानी, खरक, सिसाय, बंदहेड़ी और आदमपुर जैसे कम से कम 12 गांव बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं. ऐसे में किसानों में डर और चिंता का माहौल है.

सबसे गंभीर हालात चांग गांव में हैं, जहां करीब 1,100 एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है. इसके अलावा आलमपुर में 1,050 एकड़, घुसकानी में 900 एकड़, बलियाली में 850 एकड़ और बंदहेड़ी में 500 एकड़ खेत जलमग्न हैं. कई इलाकों में खेतों में पानी की गहराई चार फीट तक पहुंच गई है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और आगे की बुवाई भी रुक गई है.

किसानों की बढ़ी चिंता

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर एक हफ्ते के भीतर पानी नहीं निकाला गया, तो वे दोबारा धान की पौध नहीं लगा पाएंगे और इस सीजन में पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी. साथ ही, अगर जलभराव ऐसे ही बना रहा, तो रबी की फसलों की बुवाई में भी देरी हो सकती है. भिवानी में अखिल भारतीय किसान सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने तुरंत पानी निकासी के लिए मशीनें लगाने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की. किसानों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसके जवाब में उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि जल्द कार्रवाई की जाएगी.

इन फसलों को पहुंचा नुकसान

उधर, हिसार के आदमपुर क्षेत्र में विधायक चंदर प्रकाश ने सिसवाल, आदमपुर, लाडवी, महलसरा और कोहली जैसे जलभराव से प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने राजस्व और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द पानी निकालने के निर्देश दिए. किसानों ने विधायक चंदर प्रकाश को कहा कि ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास, ग्वार और मूंग जैसी फसलें बुरी तरह से खराब हो चुकी हैं. इस पर विधायक ने प्रशासन से तुरंत फसल नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की.

सरकार ने ठोस इंतजाम नहीं किए

वहीं किसान नेताओं ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर साल मॉनसून में जल निकासी सिस्टम की कमजोरियां उजागर हो जाती हैं. सरकार ने समय रहते कोई ठोस इंतजाम नहीं किए.

Published: 19 Jul, 2025 | 01:03 PM