बादल फटने से 394 हेक्टेयर में बागवानी चौपट, 53 हजार सेब के पेड़ बर्बाद.. 29 करोड़ का नुकसान

मंडी जिले में 30 जून को बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही मची. 394 हेक्टेयर बागवानी और 2,172 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा, जिससे करीब 29 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 Jul, 2025 | 12:10 PM

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 जून की रात बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने सिराज, गोहर, करसोग और धरमपुर क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई . इस आपदा ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी और रोजी-रोटी पर गहरा असर डाला. हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 लोग अभी भी लापता हैं. कई घर, मवेशी शेड और खेती की जमीन बाढ़ में बह गई. यह तबाही सिर्फ जान-माल तक सीमित नहीं रही, बल्कि मंडी जिले की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि और बागवानी पर भी सीधा असर पड़ा. जिले में सैंकड़ों हेक्टेयर में फसल की बर्बादी हुई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बागवानी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 394 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान हुआ है, जिससे 1,065 किसान प्रभावित हुए हैं और लगभग 29 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. सबसे ज्यादा असर सिराज क्षेत्र में देखा गया, जहां 108 हेक्टेयर जमीन, जिनमें से ज्यादातर सेब के बाग थे, तबाह हो गए. यहां 287 किसान प्रभावित हुए हैं और अकेले इस क्षेत्र में 23.52 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है.

62 हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र को नुकसान

मंडी जिले में सिराज के अलावा गोहर, बलिचौकी, करसोग और धरमपुर जैसे इलाकों में भी बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. गोहर में करीब 62 हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जिससे 89 किसान प्रभावित हुए और 3.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसी तरह बलिचौकी में 5 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान हुआ, 25 किसान प्रभावित हुए और 1.41 करोड़ रुपये की क्षति हुई. करसोग में 162 हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र को नुकसान पहुंचा, 421 किसान प्रभावित हुए और 35 लाख रुपये का नुकसान आंका गया. धरमपुर में 25 हेक्टेयर क्षेत्र को नुकसान हुआ, 113 किसान प्रभावित हुए और 19 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

8.35 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान

बागवानी विभाग के उपनिदेशक संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि इस आपदा में 63,000 से ज्यादा फलदार पौधे, जिनमें 53,000 सेब के पेड़ शामिल हैं, पूरी तरह नष्ट हो गए. इससे क्षेत्र की फल उत्पादन पर आधारित अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. उन्होंने कहा कि हम अंतिम सर्वे पूरा कर रहे हैं और जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी जाएगी. कृषि विभाग के अनुसार, बागवानी से ज्यादा नुकसान खेती को हुआ है. विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में करीब 2,172.41 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है और इससे लगभग 8.35 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान आंका गया है.

इन इलाकों में भी भारी नुकसान

मंडी जिले में कृषि को क्षेत्रवार नुकसान इस प्रकार है. धरमपुर में 1,035.70 हेक्टेयर, सिराज में 543.50 हेक्टेयर, गोहर में 374.90 हेक्टेयर और करसोग में 158 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है. इसके अलावा जिले के कुछ अन्य इलाकों में भी मामूली नुकसान हुआ है. प्रभावित क्षेत्रों के किसान अब भयानक मानसिक सदमे से जूझ रहे हैं.

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