Bird Flu: ओडिशा के पुरी जिले में बर्ड फ्लू का नया मामला सामने आया है, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है. इससे इलाके में दहशत का माहौल है. खास बात यह है कि यह मामला तब सामने आया जब भोपाल की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सेक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) ने डेलंगा ब्लॉक के बड़ा अंकुला गांव से लिए गए सैंपलों में H5N1 वायरस की पुष्टि की. इसके बाद गांव को संक्रमण का केंद्र घोषित कर दिया गया और रोकथाम की प्रक्रिया शुरू हो गई. गांव के एक किलोमीटर दायरे को ‘संक्रमित जोन’ घोषित करते हुए वहां मुर्गियों को मारने (क्लिंग) और इलाके को सैनिटाइज करने का काम चल रहा है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में करीब 6,000 मुर्गियों को मारा जाएगा. गांव के 10 किलोमीटर के अंदर निगरानी बढ़ा दी गई है. पोल्ट्री दुकानों को बंद कर दिया गया है और मुर्गी से जुड़ी चीजों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से गांव में मुर्गियों की अचानक मौत हो रही थी, लेकिन जांच के बाद 9 जुलाई को बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. इसके बाद प्रशासन ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
5 किलोमीटर के दायरे में सख्त निगरानी
वहीं. जिले के प्रशासन और मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग (FARD) ने पांच रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) तैनात की हैं. ये टीमें मौके पर जाकर निगरानी कर रही हैं. साथ ही पोल्ट्री पालकों को जागरूक कर रही हैं और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करवा रही हैं. संक्रमित इलाके में जिंदा मुर्गियों की सप्लाई पूरी तरह से रोक दी गई है. एक वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी ने कहा कि संक्रमण केंद्र से 5 किलोमीटर के दायरे में सख्त निगरानी चल रही है और पोल्ट्री से जुड़ी सभी जगहों को सैनिटाइज किया जा रहा है. हम हर जरूरी कदम उठा रहे हैं ताकि बीमारी आगे न फैले.
अब तक किसी इंसान में संक्रमण की पुष्टि नहीं
मरी हुई पक्षियों और दूषित चीजों का निपटान केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है. क्लिंग और सफाई के बाद प्रभावित जगहों को सील कर दिया जाएगा और पूरी जांच और सर्टिफिकेशन के बाद ही दोबारा खोला जाएगा. अब तक किसी इंसान में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे पक्षियों से सीधे संपर्क से बचें, अगर कहीं अचानक पक्षियों की मौत हो तो तुरंत जानकारी दें और बिना घबराए सरकारी निर्देशों का पालन करें.
H5N1 बर्ड फ्लू का पहला मामला
सरकार ने घोषणा की है कि जिन पोल्ट्री पालकों की मुर्गियां मारी जा रही हैं, उन्हें पक्षी, अंडे और चारे के नुकसान का मुआवजा तय दरों के हिसाब से दिया जाएगा. हालांकि जिंदा मुर्गियों की बिक्री पर रोक है, लेकिन अंडों और प्रोसेस्ड पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की बिक्री 10 किलोमीटर के निगरानी क्षेत्र में सख्त नियमों के तहत जारी रहेगी. इस बीच, राज्य सरकार ने पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा निदेशक को पूरे ओडिशा में निगरानी और जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि संक्रमण दूसरे जिलों में न फैल सके. यह इस साल ओडिशा में H5N1 बर्ड फ्लू का पहला मामला है. पिछले साल भी पुरी जिले के पिपिली और सत्यम्बादी ब्लॉकों में ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें 30,000 से ज्यादा पक्षियों को मारा गया था.