Mandi Bhav: हड़ताल के चलते सब्जियों के रेट में गिरावट, नुकसान में व्यापारी.. 20 रुपये किलो परवल

ड्राइवर संघ की हड़ताल से भुवनेश्वर और कटक से सब्जियों की सप्लाई रुक गई है, जिससे दाम गिर गए हैं. परवल 27 से घटकर 20 रुपये किलो बिक रहा है. स्टॉक ज्यादा होने से व्यापारी नुकसान में हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Jul, 2025 | 03:53 PM

Mandi Rate Today: ड्राइवर संघ की हड़ताल के चलते भुवनेश्वर और कटक के सब्जी व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दाम बढ़ने की आशंका से व्यापारियों ने पहले ही ज्यादा सब्जी स्टॉक कर ली थी, लेकिन अब सप्लाई रुक जाने से माल ज्यादा हो गया है और उन्हें सब्जियां सस्ते दामों पर बेचनी पड़ रही हैं. कुछ दिन पहले तक मॉनसून के कारण सब्जियों के दाम ऊंचे थे, लेकिन शुक्रवार को हड़ताल के चलते दाम काफी गिर गए. क्योंकि दूसरे जिलों में सप्लाई रुक गई है. वहीं, जहां  पहले परवल की कीमत 27 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन अब थोक बाजार में उसे 20 रुपये किलो बेचा जा रहा है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आम तौर पर भुवनेश्वर में रोजाना 50 से 60 ट्रक और कटक में 20 से 25 ट्रक सब्जी आती है. सब्जियां न सिर्फ इन दोनों शहरों के लिए, बल्कि पुरी, खोरधा, नयागढ़, गंजाम और कुछ हिस्सा ढेंकनाल, अंगुल और भद्रक तक भी जाती हैं. व्यापारियों का कहना है कि हड़ताल का असर कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से आने वाले सब्जी ट्रकों पर नहीं पड़ा है. दिक्कत यह है कि सब्जियां भुवनेश्वर आने के बाद दूसरी जिलों में भेजी नहीं जा पा रही हैं.

सप्लाई डिमांड से ज्यादा हो गई

एक थोक व्यापारी संतोष स्वैन ने कहा कि अब सप्लाई डिमांड से ज्यादा हो गई है. ट्रकों को भुवनेश्वर आने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हम माल को आगे नहीं भेज पा रहे हैं. स्टॉक जमा हो रहा है और सप्लाई कम करना सीधे नुकसान है.

गिरकर 27 रुपये किलो हुआ परवल

शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से लाई गई परवल की कीमत 27 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन थोक बाजार में उसे 20 रुपये प्रति किलो बेचना पड़ा. वहीं, पुरी में प्याज और अदरक उपलब्ध नहीं थीं. वहीं, कर्नाटक से आने वाली पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, शिमला मिर्च, खीरा और बीन्स जैसी सब्जियां ज्यादा मात्रा में आ रही हैं, लेकिन लागत से भी कम दाम पर बिक रही हैं. अधिकतर सब्जियां थोक में 30 रुपये या उससे कम कीमत पर बिक रही हैं.

बैंगन, भिंडी, लौकी की कीमत अभी भी ज्यादा

हालांकि, बैंगन, भिंडी, लौकी, तोरई और चिचिंडा जैसी सब्जियों के दाम अब भी ज्यादा हैं, क्योंकि मॉनसून के कारण फसल को नुकसान हुआ है. ये सब्जियां स्थानीय स्तर पर उगाई जाती हैं और बारिश से जल्दी खराब हो जाती हैं. इनकी अगली फसल तैयार होने में करीब 80 दिन लगते हैं, इसलिए जुलाई और अगस्त तक इनके दाम ऊंचे रहने की संभावना है.

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Published: 12 Jul, 2025 | 03:51 PM

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