Paddy Milling : धान की फसल तैयार हो जाए तो किसान की मेहनत का सबसे बड़ा इम्तिहान शुरू होता है-कुटाई और मिलिंग का. कई बार मेहनत से उगाई गई फसल अच्छी होती है, लेकिन कुटाई के दौरान चावल टूट जाता है और सारी कमाई पर पानी फिर जाता है. चावल टूटे तो भाव घटता है, बोरियां हल्की होती हैं और किसान को सीधा नुकसान झेलना पड़ता है. लेकिन अच्छी बात यह है कि थोड़ी-सी सावधानी और कुछ आसान उपाय अपनाकर इस नुकसान को लगभग खत्म किया जा सकता है. खेत की तैयारी से लेकर कुटाई मशीन की सेटिंग तक, कुछ छोटे बदलाव चावल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ा देते हैं. आइए जानते हैं वे आसान उपाय, जिन्हें अपनाकर किसान बिना टूट-फूट के बेहतर चावल निकाल सकते हैं.
चावल टूटने की सबसे बड़ी वजह
धान की मिलिंग से पहले नमी का संतुलन बेहद जरूरी है. अगर नमी बहुत ज्यादा होगी तो दाने मुलायम होकर फट जाते हैं, और अगर बहुत सूखे होंगे तो दबाव पड़ते ही टूट जाएंगे. कुटाई से 1-2 दिन पहले धान को हल्की धूप में सुखाएं. ध्यान रखें कि तेज और लगातार धूप में सुखाने से दाना भुरभुरा हो जाता है. अच्छे धान की नमी हमेशा 12-14 फीसदी के बीच सबसे बेहतर मानी जाती है. इस नमी पर दाना मजबूत रहता है और टूटने की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है.
फसल साफ-सुथरी हो, तभी निकलेगा मजबूत चावल
- कुटाई के लिए हमेशा साफ, स्वस्थ और बिना कीट वाले धान का चयन करें.
- कमजोर या बीमार दानों की मिलिंग के दौरान टूटने की संभावना ज्यादा रहती है.
- दाने में घुन, कीड़े या फफूंदी का असर हो तो वह हल्के दबाव में भी बिखर जाता है.
धान को कुटाई से पहले साफ करें ताकि मिट्टी, डंठल और तेल वाले कचरे की वजह से मशीन में रगड़ ज्यादा न पड़े. साफ और चुना हुआ धान न सिर्फ टूटने से बचाता है, बल्कि सफेद, चमकदार और बेहतर क्वालिटी वाला चावल भी देता है.
थोड़ी-सी गलती और बढ़ जाएगा नुकसान
धान टूटने की सबसे सामान्य वजह गलत मशीन सेटिंग होती है. मशीन की छलनी और पत्थर के बीच दूरी बहुत कम हो जाए तो दाने पर ज्यादा दबाव पड़ता है और चावल टूट जाता है. कुटाई से पहले:-
- मशीन के रोलर की स्पीड को संतुलित करें
- छलनी के बीच थोड़ा गैप रखें
- दबाव कम रखें ताकि दाना धीरे-धीरे पॉलिश हो
कम दबाव पर मिलिंग करने से टूटन 20-30 फीसदी तक घट सकती है. साथ ही चावल साफ और एकसमान निकलता है, जिससे बाजार में बेहतर भाव मिलता है.
जल्दबाजी न करें, धीरे-धीरे करें कुटाई
अक्सर किसान जल्दी में मशीन की स्पीड बढ़ा देते हैं, और यही तेजी दाने के टूटने की बड़ी वजह बनती है. कुटाई हमेशा सामान्य गति पर करें ताकि प्रत्येक दाना मशीन से संतुलित दबाव के साथ निकले. इसके अलावा:-
- गीला धान तुरंत कुटाई में न डालें
- फसल को पहले अच्छी तरह फैलाकर सुखाएं
- ट्रॉली या बोरी में भरकर लंबे समय तक बंद न रखें
धीमी और नियंत्रित गति में की गई मिलिंग से दाने मजबूत रहते हैं और टूटने की संभावना बहुत कम हो जाती है.