Wheat Prices: इस साल दुनिया के कई देशों में गेहूं की अच्छी पैदावार की खबरें सामने आई हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, रूस, यूक्रेन, कनाडा और कजाकिस्तान में गेहूं की फसल अच्छी होने की उम्मीद है. इसके चलते वैश्विक बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ जाएगी और कीमतें गिर सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल पूरी दुनिया में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 815-816 मिलियन टन तक पहुंच सकता है.
कीमतों में गिरावट की संभावना
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि बंपर फसल के कारण गेहूं की कीमतों में गिरावट आ सकती है. बीएमआई रिसर्च (BMI Research) ने 2025 के लिए गेहूं का मूल्य अनुमान 5.68 डॉलर प्रति बुशेल से घटाकर 5.46 डॉलर कर दिया है. ICE वायदा बाजार में 22 सितंबर को गेहूं 5.295 डॉलर प्रति बुशेल पर बंद हुआ, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत कम है. इसका मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें नरम रहेंगी और आम उपभोक्ताओं को सस्ता गेहूं मिल सकता है.
मुख्य उत्पादक देशों में उत्पादन बढ़ा
अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, अमेरिका में इस साल 816.2 मिलियन टन गेहूं पैदा होने की उम्मीद है. यूरोपीय संघ में जर्मनी, रोमानिया और बुल्गारिया में भी उत्पादन 10 साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच सकता है. रूस में सर्दियों और वसंत दोनों तरह के गेहूं की पैदावार अच्छी रहने की संभावना है. ऑस्ट्रेलिया में भी उत्पादन बढ़ेगा. वहीं, अर्जेंटीना में उत्पादन कम रह सकता है.
किसानों और आम लोगों पर असर
उत्पादन ज्यादा होने के कारण बाजार में गेहूं का अधिशेष बन सकता है. खपत सिर्फ 810 मिलियन टन रहने की संभावना है, जबकि उत्पादन 815 मिलियन टन से अधिक होगा. इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें गिरेंगी. आम आदमी को यह राहत देगी क्योंकि गेहूं और आटे की कीमतें सस्ती रह सकती हैं. लेकिन किसानों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें अपनी फसल की अच्छी कीमत नहीं मिल पाएगी.
भारत में रबी गेहूं की बुवाई पर असर
भारत में किसान अब रबी गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं. वैश्विक स्तर पर कीमतों में गिरावट की खबर से किसानों की योजना और उम्मीदों पर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों की सलाह है कि किसान बीज, खाद और सिंचाई पर सोच-समझकर खर्च करें ताकि लागत बढ़ न जाए.
दुनिया में बंपर गेहूं की पैदावार आम लोगों के लिए अच्छी खबर है. लेकिन किसानों के लिए यह समय सोच-समझकर फैसले लेने का है. फसल योजना और बिक्री रणनीति को सही तरीके से तैयार करना अब बहुत जरूरी है.