मध्य प्रदेश के 10वीं और 12वीं के छात्रों के रिजल्ट का इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि मध्य प्रदेश बोर्ड ने दोनों कक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. मध्य प्रदेश बोर्ड कक्षा 12वीं का पास प्रतिशत 76.22% और 10वीं का रिजल्ट 92.73 प्रतिशत रहा है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपने आवास से रिजल्ट की घोषणा की है.
10वीं में प्रज्ञा जायसवाल बनीं टॉपर
मध्य प्रदेश बोर्ड कक्षा 12वीं का उत्तीर्ण प्रतिशत 76.22% फीसदी और 10वीं का रिजल्ट 92.73 फीसदी रहा है. 10वीं में प्रज्ञा जायसवाल और 12वीं में प्रियल द्विवेदी ने टॉप किया है. सिंगरौली के ग्लोरियस पब्लिक स्कूल की छात्रा प्रज्ञा जायसवाल को 500 पूर्णांक में से 500 अंक मिले हैं. प्रज्ञा जायसवाल 10वीं की टॉपर बनी हैं.
12वीं में प्रियल द्विवेदी बनीं टॉपर
12वीं की टॉपर प्रियल द्विवेदी बनी हैं. सतना के कन्या शासकीय उमा विद्यालय, अमरपाटन की स्टूडेंट प्रियल द्विवेदी ने मैथ्स और साइंस स्ट्रीम में 500 में से 492 नंबर हासिल कर टॉप किया है. एमपी बोर्ड रिजल्ट 2025 ने पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. एमपी बोर्ड 10वीं में 1,91,354 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं.
सीएम मोहन यादव ने घोषित किए नतीजे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने आज माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश द्वारा संचालित हाईस्कूल 10th एवं हायर सेकेण्डरी 12th परीक्षा के परिणामों को घोषित कर सफल विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह सफलता लक्ष्य के प्रति समर्पण, अथक परिश्रम और लगन का सुफल व प्रमाण है. प्रदेश की प्रतिभाशाली बेटियों ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर अपने अभिभावकों, शिक्षकों के साथ मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है.
उत्तीर्ण प्रतिशत 15 साल में सबसे अधिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हाईस्कूल परीक्षा में 76.22 फीसदी एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा में 74.48 फीसदी विद्यार्थियों ने पिछले 15 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सफलता हासिल की है. हाईस्कूल में बेटी प्रज्ञा जायसवाल ने 500/500 शत प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान और हायर सेकेण्डरी में भी बेटी प्रियल द्विवेदी ने 492/500 (विज्ञान – गणित समूह) अंकों के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
फेल होने वाले स्टूडेंट को दोबारा मौका मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो विद्यार्थी आज असफल रहे, उन्हें निराश नहीं होना है, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत असफल विद्यार्थियों को एक बार फिर परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा और जो विद्यार्थी अपना स्कोर बढ़ाना चाहते है वह भी दोबारा परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.