गोबर से बनी 181 फीट लंबी ईको फ्रेंडली राखी, दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सूत्र होने का दावा

हनुमानगढ़ में 181 फीट लंबी गोबर की जैविक राखी बांधी गई, जो पर्यावरण संरक्षण और गौ सेवा का संदेश देती है. यह स्वदेशी, केमिकल-रहित राखी रक्षाबंधन पर्व पर मां भद्रकाली के समक्ष बांधी गई.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 8 Aug, 2025 | 05:42 PM

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है. लेकिन इस बार यह पर्व देशभर में एक नया संदेश लेकर आया है-पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता और भारतीय परंपराओं का संवर्धन. राजस्थान के हनुमानगढ़ से लेकर झारखंड के देवघर और यूपी के इटावा तक, रक्षाबंधन के इस पर्व पर कई अनोखी पहलें देखने को मिलीं. इन पहलों ने न केवल त्योहार की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भी परिचय दिया.

हनुमानगढ़ में 181 फीट गोबर राखी

प्रसार भारती के अनुसार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में इस वर्ष रक्षाबंधन के पावन पर्व पर एक अनोखा और ऐतिहासिक महाअभियान शुरू किया गया. यहां 181 फीट लंबी गोबर से बनी विश्व की सबसे बड़ी जैविक राखी को सरस्वती नदी के तट पर मां भद्रकाली के समक्ष बांधा गया. रक्षा सूत्र पूरी तरह गोबर से निर्मित है, जो न केवल जैविक है, बल्कि एंटी-रेडिएशन और पर्यावरण के अनुकूल भी है. इस अभियान का उद्देश्य रक्षाबंधन जैसे पर्व को गौ सेवा, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ना है. बिना केमिकल के बनी इस राखी को देखने हजारों श्रद्धालु पहुंचे और मंत्रोच्चार के साथ पर्व का आयोजन किया गया.

भरतपुर महिलाएं गोबर राखी बना रही

राजस्थान के ही भरतपुर जिले में एक संस्था द्वारा महिलाओं को गाय के गोबर से राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बना रही है. इन राखियों में स्वदेशीता, नवाचार और पारंपरिक मूल्यों का समावेश है, जिससे देशी उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है. स्थानीय बाजारों में इन राखियों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे महिला उद्यमियों को सीधा लाभ मिल रहा है.

देवघर में मेड इन इंडिया राखी

झारखंड के बाबा नगरी देवघर में रक्षाबंधन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. यहां के टावर चौक से लेकर आजाद चौक तक डिज़ाइनर, पारंपरिक और बच्चों की कार्टून राखियों से सजी दुकानों ने बाजारों की रौनक बढ़ा दी है. इस बार विशेष बात यह रही कि “मेड इन इंडिया” राखियों की मांग विदेशी राखियों की तुलना में कहीं अधिक रही. ग्राहकों, विशेषकर बहनों में अपने भाइयों के लिए यूनिक और भारतीय राखी चुनने को लेकर खासा उत्साह देखा गया. दुकानदारों ने बताया कि स्वदेशी राखियों की बिक्री में इस बार उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

10,000 राखियों के लिए विशेष लिफाफा

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में डाक विभाग ने रक्षाबंधन पर एक विशेष राखी लिफाफा जारी किया है, जिसकी कीमत मात्र 10 रुपये रखी गई है. इस लिफाफे के माध्यम से अब तक 10,120 राखियों की डिलीवरी की जा चुकी है, जिससे बहनें समय पर अपने भाईयों को राखी भेज पा रही हैं. डाक अधीक्षक चंद्रशेखर बरुआ ने जानकारी दी कि पोस्ट ऑफिस द्वारा यह सेवा प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा गंगोत्री से मंगाया गया गंगाजल भी बड़ी संख्या में बेचा जा रहा है, जिसे लोग धार्मिक पर्वों के लिए उपयोग कर रहे हैं.

रक्षाबंधन पर मिठाई जांच सख्त

रक्षा बंधन के मौके पर देशभर में मिठाइयों और खाद्य सामग्री की खपत बढ़ जाती है. इसे देखते हुए राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने खास अभियान शुरू किया है. राज्यभर में खाद्य निरीक्षकों द्वारा मिठाइयों के नमूने लिए जा रहे हैं, ताकि मिलावटखोरी पर लगाम लगाई जा सके. अब तक कई स्थानों पर मिलावटी खाद्य सामग्री जब्त की गई है और उन्हें नष्ट भी किया गया है. इस पहल का उद्देश्य है कि जनता को स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिले, ताकि त्योहार की खुशी में कोई खलल न आए.

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