बकरियों के लिए 8 अनाजों का फायदेमंद चारा, बीमारी दूर रहेगी और दूध बढ़ेगा

8 अनाजों से बना मिनरल्स मिक्सचर बकरी के लिए सुपरफूड है, जो सेहत, हाइट और दूध उत्पादन बढ़ाता है. ग्रामीण महिलाएं इसे बनाकर बेच रही हैं, जिससे उन्हें आय का नया और सशक्त स्रोत मिल रहा है.

नोएडा | Published: 8 Aug, 2025 | 07:30 PM

क्या आपने कभी सोचा है कि बकरी के लिए भी कोई सुपरफूड हो सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं मिनरल्स मिक्सचर की-एक ऐसा देसी चारा, जो न सिर्फ बकरी की सेहत में जबरदस्त सुधार करता है, बल्कि दूध इतना बढ़ा देता है कि बाल्टी भर जाए. यह 8 अनाजों से बना शक्तिवर्धक मिश्रण ग्रामीण महिलाओं द्वारा घर पर तैयार किया जाता है, जो अब आय का मजबूत स्रोत भी बन चुका है. कम लागत, अधिक लाभ और अद्भुत पोषण से भरपूर यह इनोवेशन गांव की अर्थव्यवस्था और महिलाओं के आत्मबल को नया आकार दे रहा है.

मिनरल्स मिक्सचर- पशु चारा नहीं, सुपरफूड

ग्रामीण महिलाएं मिनरल्स मिक्सचर नामक चारे का उपयोग करती हैं, जिसमें गेहूं का दारा, दाल टूटन, नमक, सरसों, खली सहित 8 अनाज शामिल हैं. यह चारा बकरी की सेहत, दूध उत्पादन और हाइट को बढ़ाता है. इस मिश्रण से बकरियों में ऊर्जा और मजबूती आती है, जिससे वे स्वस्थ और उत्पादक बनी रहती हैं.

पशपालकों को ये लाभ मिलेंगे

यह मिश्रण बकरी के स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होता है- दूध की मात्रा बढ़ जाती है, बकरी की तंदुरुस्ती में सुधार होता है, और मृत्यु दर भी कम होती है. इस चारे का परिणामस्वरूप बकरियां मजबूत और ऊंची होती हैं, जिससे लोकल डेयरी किसानों की आमदनी और पोषण सुरक्षा भी सुधरती है.

चारा बनाने में लगते हैं 40 रुपए

रफाना खातून इस चारे को तैयार करती हैं और बाजार में बेचती भी हैं. इसे तैयार करने में लगभग एक घंटा लगता है और इसकी कीमत सिर्फ 40 रुपये प्रति किलो है. आधा किलो आप 20 रुपये में ले सकते हैं. 4 महीनों में उन्होंने लगभग 20 क्विंटल तक इसका विक्रय कर लिया है. यह न केवल उनकी खुद की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रहा है, बल्कि पशुओं की दुग्ध उत्पादकता से अन्य किसानों को भी लाभ मिल रहा है.

ग्रामीण महिलाओं में बढ़ी बकरीपालन की रुचि

इस चारे के निर्माण एवं बिक्री से ग्रामीण महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि पशुपालन के क्षेत्र में उनके योगदान को भी मान्यता मिल रही है. उनका यह छोटा व्यापार समुदाय की आर्थिकी को मजबूत कर रहा है. दूध की बढ़ी हुई मात्रा से घर-परिवार की पोषण सुरक्षा बेहतर होती है और उन्हें आय का अतिरिक्त स्रोत भी मिलता है.

Published: 8 Aug, 2025 | 07:30 PM