मॉनसून का मौसम भले ही हरियाली और ताजगी लेकर आता हो, लेकिन पशुपालकों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन जाता है. खासकर बकरियों की देखभाल इस मौसम में बेहद जरूरी हो जाती है. थोड़ी सी लापरवाही जानवरों की जान पर भारी पड़ सकती है. बारिश से होने वाली नमी, गंदगी और कीड़े-मकोड़े बकरियों को गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकते हैं. ऐसे में बकरियों को सुरक्षित रखने के लिए इन 7 बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है.
1. गंदा और नमी वाला बाड़ा न बनाएं
बरसात में बकरियों के लिए एक अलग और सूखा बाड़ा बनाना बहुत जरूरी है. ध्यान दें कि अगर बाड़े में पानी भर गया या नमी बनी रही तो कीड़े और फंगस पनप सकते हैं जो बकरियों को बीमार कर सकते हैं. इसलिए बाड़े में रोजाना सफाई करें और फर्श को सूखा रखने की व्यवस्था करें.
2. दोपहर के बाद बकरी को बाहर न छोड़ें
दराअसल, मॉनसून के दौरान शाम के वक्त कीड़े- मकौड़ों का खतरा सबसे अधिक होतै है. यही कीड़े बकरियों को काटते हैं और मीमारियों का कारण बनते हैं. इसलिए दोपहर के बाद बकरियों को बाहर चराने के लिए न ले जाएं, बल्कि उन्हें बाड़े में ही रखें. ऐसा करने से बकरी सेफ रहेगी.
3. चराई के समय सतर्क रहें
बरसात के बाद खेतों और चारागाहों में घास पर काई जम जाती है. जब बकरियां यह घास खाती हैं तो उनके पेट में कीड़े पैदा हो सकते हैं. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे उनकी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और वे कमजोर पड़ने लगती हैं. इसलिए जरूरी है कि हर 3 से 4 महीने में बकरियों को पेट साफ करने वाली कृमिनाशक दवा दी जाए. इससे उनका पेट ठीक रहेगा, भूख अच्छी लगेगी और शरीर भी मजबूत रहेगा. ये सावधानी पालन से बीमारी से बचाव होता है.
4. समय पर टीकाकरण करवाएं
मॉनसून से पहले बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है कि उनका समय पर टीकाकरण करवाया जाए. इसके साथ ही कृमिनाशक दवा दें. ये दवा पेट के कीड़ों को खत्म करती है, जिससे बकरी की भूख बढ़ती है और वह बीमार नहीं पड़ती. ध्यान देने की बात यह है कि पशु चिकित्सक की सलाह से दवाओं का इस्तेमाल करें ताकि बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और वे बारिश में भी स्वस्थ रहें.
5. हरा चारा हो ताजा और नीम पत्तियों के साथ
बरसात के मौसम में खेत-खलिहानों में हरा चारा खूब मिलता है, लेकिन इसे सीधे खिलाने की बजाय हल्का सूखा और साफ चारा ही बकरियों को दें. क्योंकि ज्यादा गीला या सड़ा चारा पेट की बीमारी का कारण बन सकता है. इसके साथ ही बकरियों को नीम की पत्तियां भी खिलाएं. नीम एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है और बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इससे वे मौसम बदलने में भी बीमार नहीं पड़तीं.
6. साफ बर्तन में चारा और पानी दें
बकरियों को दाना, चारा और पानी हमेशा साफ-सुथरे बर्तनों में देना चाहिए. क्योंकि गंदे बर्तनों में जमे कीटाणु उनके शरीर में जाकर संक्रमण फैला सकते हैं. इससे बकरियों को दस्त, उल्टी या बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो उनके स्वास्थ्य और वजन दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं. खासतौर पर बरसात के मौसम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इस समय संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है.
7. बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत कार्रवाई करें
अगर कोई बकरी बीमार दिखे तो उसे तुरंत बाकी झुंड से अलग कर दें. इसके अलावा तीन दिन तक हर्बल मसाला बोलस जरूर दें और डॉक्टर से जांच करवाएं. वहीं, खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से बचने के लिए 2 फीसदी लाल दवा से मुंह और खुरों की सफाई करते रहें.