सिर्फ चराने से काम नहीं चलेगा! बकरी पालन से कमाना है तो अपनाओ ये कमाल की तरकीबें

बकरी पालन अब सिर्फ गुजारे का जरिया नहीं, बल्कि एक मुनाफे वाला बिजनेस बन चुका है. लेकिन अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ जंगल या खेत में बकरी चराने से कमाई होगी तो ये गलतफहमी है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 19 Jul, 2025 | 06:00 AM

बकरी पालन को आज के दौर में सिर्फ गुजारे का जरिया नहीं, बल्कि एक फायदे का कारोबार माना जा रहा है. लेकिन, अगर आप सोचते हैं कि बकरी को जंगल या खेत में खुला छोड़ देने भर से अच्छी कमाई हो जाएगी तो ये समझना जरूरी है कि ऐसा नहीं है. बाजार की मांग के हिसाब से अब पारंपरिक चराई से आगे बढ़कर ऐसे तरीके अपनाने की जरूरत है, जिससे बकरियां जल्दी वजन बढ़े और बेहतर दाम दिला सकें. क्योंकि, यही तय करता है इस कारोबार का मुनाफा.

कम संसाधनों में पालने का पारंपरिक तरीका

बकरी पालन का सबसे आम तरीका है उन्हें चराना. इसमें बकरियों को सुबह खेत, जंगल या खुले मैदानों में छोड़ दिया जाता है और शाम को वापस ले आया जाता है. यह तरीका सस्ता और आसान तो होता है, लेकिन इससे बकरियों का वजन धीरे-धीरे बढ़ता है. वजन कम होने पर बाजार में उनका दाम भी कम मिलता है. इसलिए इससे ज्यादा मुनाफा नहीं होता. हालांकि, जहां चारे की कमी हो या खेती लायक जमीन कम हो, वहां यह तरीका काम चलाने के लिए ठीक है, लेकिन आमदनी कम होती है.

बकरियों को खूंटे से बांधकर पालना

दूसरा तरीका है बकरियों को खूंटे से बांधकर पालना. इसमें बकरियों को घर पर ही हरा चारा, भूसा और दाना खिलाया जाता है. यह तरीका खासतौर पर बारबरी और सिरोही नस्ल  की बकरियों के लिए ठीक रहता है. क्योंकि ये नस्लें कम जगह में भी अच्छी तरह पल जाती हैं. लेकिन बाकी नस्लों को अगर सिर्फ खूंटे पर बांधकर रखा जाए तो उनकी सेहत और बढ़त पर असर पड़ सकता है. अगर आपके पास बारबरी या सिरोही नस्ल है और समय के साथ चारे की भी सही व्यवस्था है तो यह तरीका अच्छा मुनाफा दे सकता है.

चराकर और खूंटे पर खिलाकर पालना

अब बात करते हैं सबसे बेहतरीन और मुनाफे वाले तरीके की. इसमें बकरियों को दिन में 7 से 8 घंटे तक चरने दिया जाता है ताकि उन्हें प्राकृतिक हरियाली, झाड़ियां और घास मिल सके. इसके बाद शाम को घर लाकर उन्हें पौष्टिक चारा, हरा पत्ता, भूसा और दाना दिया जाता है. यह तरीका बकरियों की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. इससे उनके शरीर में तेजी से वजन बढ़ता है. इतना ही नहीं दूध और मांस उत्पादन भी अच्छा होता है. यही वजह है कि इस तरीके से पाली गई बकरियां बाजार में ज्यादा दाम पर बिकती हैं.

अगर आप बकरी पालन  को एक छोटा बिजनेस बनाना चाहते हैं तो केवल परंपरा नहीं, तकनीक और समझदारी की जरूरत है. बेहतर नस्लें चुनिए, पोषण का ख्याल रखिए और पालन की सही विधि अपनाइए. चराने के साथ-साथ खूंटे पर खिलाने की विधि सबसे संतुलित और कमाई दिलाने वाली है. यही तरीका आपको कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सकता है.

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Published: 19 Jul, 2025 | 06:00 AM

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