बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार बरसात के दिनों में कीड़े-मकौड़ो की संख्या काफी बढ़ जाती है, इसलिए जरूरी है कि बकरियों तो समय-समय पर कृमिनाशक दवा दें.
बकरी पालकों के लिए मिनरल मिक्सचर एक खास आहार है, जो बकरी की ताकत, हाइट और दूध उत्पादन को बढ़ाता है. यह सस्ता, पौष्टिक और आसानी से मिलने वाला चारा है, जिससे बकरी जल्दी स्वस्थ और तंदुरुस्त बनती है.
बरसात में बकरियों की देखभाल बेहद जरूरी है. साफ पानी, ताजा चारा, सूखा आवास और समय पर टीकाकरण से बकरियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है. पशुपालन विभाग की सलाह से पशुपालकों को बड़ा फायदा मिलेगा.
झारखंड के किसानों के लिए बकरीपालन खेती के साथ अतिरिक्त आमदनी का बड़ा स्रोत है. ब्लैक बंगाल, जमनापरी, बरबरी, सिरोही और स्थानीय नस्लें यहां के लिए सबसे उपयुक्त हैं और आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रही हैं.
पशुपालकों को इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि वे समय पर अपनी पालतू बकरियों का टीकाकरण जैसे पीपीआर, एंटरोटॉक्सिमिया, फुट एंड माउथ आदि जरूर लगवाएं.
बिहार सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम शुरू किया है. इसमें बकरी, मुर्गी, भेड़ पालन व चारा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में 50% सब्सिडी, प्रशिक्षण और बीमा की सुविधा दी जा रही है.