सर्दियों में भेड़-बकरियों को ठंड से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने नया शेड सिस्टम तैयार किया है. यह तरीका किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है, जिससे ठंड के मौसम में पशुओं की सेहत और उत्पादन दोनों सुरक्षित रहेंगे.
देश में बकरी पालन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. किसान अब एंग्लो-न्युबियन, टोगेनबर्ग और सानेन जैसी उन्नत नस्लों का पालन कर दूध और मांस से बंपर मुनाफा कमा रहे हैं. सानेन नस्ल की बकरी एक वर्ष में लगभग 800 लीटर दूध देती है, जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बकरी पालन करने वाले किसान अगर बकरियों को संतुलित और पौष्टिक आहार दें, तो उनकी सेहत और उत्पादन दोनों में तेजी से बढ़ोतरी होती है. सही खानपान न केवल दूध और मांस उत्पादन बढ़ाता है, बल्कि किसानों की आमदनी भी कई गुना बढ़ा सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से ग्रामीण युवाओं और किसानों के लिए फ्री बकरी पालन ट्रेनिंग शुरू की जा रही है. इसमें न केवल पालन की जानकारी दी जाएगी बल्कि चयनित प्रतिभागियों को दो से तीन बकरियों का सेट भी मुफ्त मिलेगा, जिससे वे खुद की यूनिट शुरू कर सकेंगे.
Bakri Palan Me Munafa: आज गांव से लेकर शहर तक, बकरी पालन एक ऐसा कारोबार बन चुका है जो कम निवेश में लाखों की कमाई का जरिया बन रहा है. ये न सिर्फ किसानों को आर्थिक मजबूती दे रहा है, बल्कि बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए भी नई उम्मीद बनकर उभरा है. बस जरूरत है सही जानकारी, देखभाल और थोड़ा धैर्य रखने की. फिर देखिए कैसे “मे-मे” की आवाज आपको लाखों की मुस्कान दे जाती है.
सरकार भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों की मदद कर रही है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना के तहत राज्य और केंद्र सरकार बकरी खरीदने पर किसानों को 35 फीसदी से 50 फीसदी तक सब्सिडी देती है.