अब भेड़ और बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए के लिए IDBI बैंक 50 लाख रुपये तक का लोन दे रही है. यह स्कीम से पशुपालकों के लिए मददगार साबित हो सकती है.
उत्तराखंड के चार सीमावर्ती जिलों के पशुपालकों ने इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) को मांस और मछली की आपूर्ति करके मात्र पांच महीनों में 2.6 करोड़ रुपये की कमाई की है.
पिग्मी बकरियां अपने स्वभाव और छोटे आकार के कारण पालने के लिए बकरी की एक लोकप्रिय नस्ल हैं. इन बकरियों का आकार काफी छोटा होता है जिसके चलते उन्हें दूसरों की तुलना में बहुत कम चारे की आवश्यकता होती है.
यह नस्ल पशुपालकों की सूझबूझ और मेहनत से विकसित हुई है. हाल ही में खेरी नस्ल को राज्य की 9वीं भेड़ नस्ल के रूप में मान्यता दी गई है.
पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए उन्हें छायादार जगह पर रखना चाहिए, साथ ही पशुओं को नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए.
बकरी का दूध बढ़ाना है या बच्चे की ग्रोथ, इसके लिए हरा चारा सबसे अहम भूमिका निभाता है. आइये जानते हैं हरे चारे के साथ बकरियों को और क्या खिलाएं ताकि मुनाफा बढ़ सके.