पशुपालकों के लिए बड़ी खबर! मंगला बीमा योजना का रजिस्ट्रेशन 1 सितंबर से, जानिए किसे मिलेगा फायदा

राजस्थान सरकार 1 सितंबर 2025 से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का नया पंजीकरण शुरू करने जा रही है. इसके तहत पशुपालकों को पशु हानि की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा दिया जाएगा.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 19 Jul, 2025 | 09:00 AM

राजस्थान के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का नया पंजीकरण 1 सितंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है. पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रजिस्ट्रेशन की सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं, ताकि पशुपालकों को किसी तरह की परेशानी न हो.

डॉ. शर्मा ने जयपुर स्थित पशुधन भवन में विभागीय बैठक के दौरान कहा कि पिछली बजट घोषणाओं को जिस तत्परता से अमल में लाया गया, उसी गंभीरता के साथ 2025-26 की योजनाओं पर भी काम होना चाहिए. उन्होंने खासतौर पर मंगला पशु बीमा योजना की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि इस योजना से हजारों पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है, इसलिए इसे प्राथमिकता दी जाए.

क्या है मंगला पशु बीमा योजना?

यह योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जिसके तहत गाय, भैंस, ऊंट, बकरी, भेड़ जैसे पशुओं का बीमा किया जाता है. अगर किसी कारणवश पशु की मृत्यु हो जाती है तो पशुपालक को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है. इसका उद्देश्य पशुपालकों की आजीविका को सुरक्षित करना और उन्हें पशु-पालन के लिए प्रेरित करना है.

31 अगस्त तक पुराने लक्ष्य पूरे करने के निर्देश

राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि वर्ष 2024-25 के जो लक्ष्य तय किए गए थे, उन्हें 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए. इसके बाद 1 सितंबर से नए रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे. उन्होंने प्रगति में पिछड़ रहे जिलों को चेतावनी दी कि वे अब पूरी गंभीरता से योजना को लागू करें, ताकि कोई पात्र पशुपालक इससे वंचित न रहे.

बैठक में और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

बैठक में मंगला योजना  के अलावा कई और योजनाओं की भी समीक्षा हुई. इसमें सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक, एमवीयू कॉल सेंटर, चैटबॉट सुविधा, उष्ट्र संरक्षण योजना, निःशुल्क आरोग्य योजना और नई पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए जमीन की उपलब्धता जैसे मुद्दे शामिल थे. अधिकारियों ने इन सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी.

बैठक में डॉ. शर्मा ने कहा कि विभागीय कामकाज में अनुशासन और समयबद्धता बेहद जरूरी है. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जिलों में उपकरणों और दवाओं के रखरखाव की बेहतर व्यवस्था की जाए और इसके लिए हर जिले में एक अधिकारी को नियमित निरीक्षण की जिम्मेदारी दी जाए.

लाभ लेने के लिए पशुपालकों को करना होगा ये काम

जिन पशुपालकों ने अभी तक योजना का लाभ नहीं उठाया है, उन्हें 1 सितंबर से शुरू हो रहे रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार रहना चाहिए. इसके लिए वे नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र या संबंधित अधिकारी से संपर्क करके पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. इस योजना से जुड़कर वे अपने पशुओं के लिए एक सुरक्षा कवच सुनिश्चित कर सकते हैं. यह योजना न सिर्फ पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि पशु-पालन  को एक स्थायी और सुरक्षित व्यवसाय बनाने की दिशा में अहम कदम भी है.

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Published: 19 Jul, 2025 | 09:00 AM

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