राजस्थान सरकार ने पशुपालन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. एक तरफ विभाग में 10 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 16 लाख पशुओं का बीमा और मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी पूरे राज्य में जोर पकड़ रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि पशुपालकों को रोजगार, राहत और सुरक्षा तीनों का पूरा फायदा दिया जाए.
दरअसल, राजस्थान सरकार ने पशुपालकों और पशुधन की भलाई के लिए बड़ा फैसला लिया है. हाल ही में सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विभाग में खाली पड़े 10 हजार से ज्यादा पदों की भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सरकार का मकसद है कि पशुपालकों को राहत, युवाओं को रोजगार और राज्य की पशुधन व्यवस्था को मजबूती दी जाए.
कोर्ट वाले मामलों पर विभाग करेगा मजबूत पैरवी
बैठक में पशुपालन मंत्री कुमावत ने बताया कि पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सा अधिकारी के 1100 पदों के लिए RPSC (Rajasthan Public Service Commission) को भर्ती प्रस्ताव भेजा जा चुका है. वहीं पशुधन निरीक्षक के 2540 पदों पर भर्ती के लिए 13 जून 2025 को प्रतियोगी परीक्षा हो चुकी है और अब इसके परिणाम जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा पशु परिचर के 6433 पदों के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, हालांकि कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं, जिनमें विभाग की ओर से मजबूत पैरवी की जाएगी ताकि प्रक्रिया में कोई और देरी न हो.
16 लाख पशुओं को मिलेगा बीमा कवर
बैठक में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की भी समीक्षा की गई. पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 15 अगस्त 2025 तक राज्य के 16 लाख पशुओं का हेल्थ सर्टिफिकेट बनाकर उन्हें बीमा पॉलिसी दी जाए. इस योजना का मकसद है कि अगर किसी पशु की मौत प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या बीमारी से हो जाए तो पशुपालक को आर्थिक मदद मिल सके.
इसके अलावा, राज्य के पशुपालन विभाग के भवनों की मरम्मत और नए भवन निर्माण पर भी चर्चा हुई. इसके लिए करीब 200 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन सेवाएं और बेहतर हो सकेंगी.
लाइवस्टॉक मिशन के आवेदनों पर तेजी
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत जो भी आवेदन मिले हैं, उनका जल्द समाधान किया जाए. साथ ही, पशु चिकित्सा कॉलेज और डिप्लोमा कोर्स ठीक से चल रहे हैं या नहीं, इसकी भी समीक्षा की जाए.
लंपी और मौसमी बीमारियों पर फोकस
बैठक में मौसमी बीमारियों को लेकर चिंता जताई गई. लंपी, गलघोंटू और लंगड़ा बुखार जैसी बीमारियों से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान की समीक्षा करते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि टीकाकरण का काम और तेज किया जाए, ताकि गाय-बैलों को समय पर सुरक्षा मिल सके.
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा भी मौजूद थे. पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी योजनाओं का फायदा सीधे ग्रामीण स्तर तक पहुंचे, इसके लिए सभी मिलकर काम करें और जिम्मेदारी से काम पूरा करें.