राजस्थान में पशुपालन को लेकर भजनलाल सरकार की बजट घोषणाएं अब कागजों से निकलकर धरातल पर दिखने लगी हैं. महज चार महीने के भीतर ही 2025-26 की आधे से ज्यादा घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं. पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के मुताबिक सरकार पशुपालकों की आजीविका सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में विभाग की रफ्तार लगातार तेज हो रही है.
25 बड़े अस्पताल बने और 50 अपग्रेड हुए
राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य सरकार की बजट योजना 2025-26 के तहत अब तक 25 पशु अस्पतालों को बहुउद्देशीय अस्पताल बना दिया गया है. यानी इन अस्पतालों में अब कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा 50 और अस्पतालों को पहले से बेहतर किया गया है. इन अस्पतालों को चलाने के लिए 116 नए पद भी बनाए गए हैं, जिनमें डॉक्टर, एक्स-रे टेक्नीशियन और अन्य कर्मचारी शामिल हैं. नागौर, डीडवाना, मकराना, मुंडावर, सांचोर, शाहपुरा और दूदू जैसे कई इलाकों में यह काम पूरा हो चुका है.
50 उपकेंद्रों को मिला अस्पताल का दर्जा
प्रदेश के 50 पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को अपग्रेड कर अब उन्हें अस्पताल बना दिया गया है. इससे गांवों में इलाज की सुविधा और मजबूत होगी. इन नए अस्पतालों के लिए 92 पदों को मंजूरी दी गई है और जरूरी उपकरणों के लिए 30 हजार की राशि भी दी गई है.
500 नए उपकेंद्र खोलने की मंजूरी
राजस्थान सरकार ने 500 नए पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने को हरी झंडी दे दी है. इससे दूर-दराज के गांवों तक पशु चिकित्सा सेवाएं पहुंचेंगी और पशुपालकों को इलाज के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा.
पिछली बजट घोषणाएं भी पूरी
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के मुताबिक साल 2024-25 के बजट में जो वादे किए गए थे, वे अब पूरे हो चुके हैं. इनमें 25 बहुउद्देशीय पशु अस्पताल बनाए गए, 50 अस्पतालों को पहले से बेहतर किया गया और 100 उपकेंद्रों को अपग्रेड किया गया है.
रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस
पशुपालन मंत्री कुमावत का कहना है कि सरकार का मकसद केवल नई इमारतें बनाना नहीं, बल्कि पशुपालकों और युवाओं को सीधा फायदा पहुंचाना है. इन अस्पतालों से जहां इलाज की सुविधा बढ़ेगी, वहीं नई भर्तियों से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले पांच साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी मिले और पशुपालन इसमें बड़ी भूमिका निभाए.