बरसात में दुधारू पशुओं को भूलकर भी न खिलाएं गीला चारा.. इस बीमारी का रहता है खतरा

मौसम में आए बदलाव का असर केवल इंसान पर नहीं, बल्कि मवेशियों के हेल्थ पर भी पड़ता है. इसलिए बारिश के मौसम में मवेशियों को हमेशा सूखी जगह पर बांधें. गौशाला में जल जमाव नहीं होने दें.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 25 Jun, 2025 | 02:24 PM

दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में लगभग मॉनसून की दस्तक हो चुकी है. इसके साथ ही बारिश का दौर भी शुरू हो गया है. मौसम में आए इस बदलाव का असर दुधारू मवेशियों के ऊपर भी दिखने को मिल सकता है. अगर सही तरह से उनकी देखरेख नहीं कई गई, तो मवेशी बीमार भी पड़ सकते हैं. इसिलए किसानों और पशुपालकों को मौसम परिवर्तन के साथ मवेशियों के आहार में भी बदलाव करना चाहिए. अगर आप बरसात के मौसम में मवेशियों को संतुलित आहार देते हैं, तो वे हल्दी रहेंगे और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.

पशु एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात के मौसम में सभी जगह मिट्टी गिली हो जाती है. इसके चलते पशुओं में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. खास कर बारिश के चलते मवेशियों में लंग्स इन्फेक्शन, निमोनिया और ब्लड प्रोटोजोआ जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए पशुपालकों को अपनी गाय-भैंस की देखभाल सही तरह से करनी चाहिए. नहीं तो बीमार पड़ने पर दूध उत्पादन भी घट सकता है.

गौशाला में जल जमाव नहीं होने दें

बारिश के मौसम में गौशाला या मवेशी के बांधने वाली जगह पर जल जमाव नहीं होने दें. कोशिश करें की गौशाला हमेशी सूखी रहे. वरना गिली मिट्टी पर बैठने से पशुओं में संक्रमण फैल सकता है, जिससे वे बीमार पड़ जाएंगे. ऐसे भी जलभराव वाली जगह पर बरसात में अपने आप मक्खी और मच्छर पैदा होते हैं. इनके काटने से मवेशियों को लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारी होती है.

मच्छर काटने से होता है संक्रमण

वहीं, कई बार मच्छरों के काटने से गाय-भैंस की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है. इससे वे दूध देने कम कर देती हैं. इसलिए किसान बरासत आने से पहले गौशाला की छत को अच्छी तरह से मरम्मत कर दें, ताकि बारिश का पानी जमीन पर न टपके. साथ ही पशुओं को भी बरसात के पानी से भीगने से बचाना चाहिए, नहीं तो उनके हेल्थ पर बुरा असर पड़ेगा.

भूलकर भी नहीं खिलाएं गीला चारा

बरसात में पशुओं की उचित देखरेख के साथ-साथ उन्हें संतुलित आहार भी देना चाहिए. इसलिए बारिश में पशुपालकों को खानपान को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. आप बारिश के मौसम में पशुओं को गीला या नमीयुक्त चारा भूलकर भी न खिलाएं. क्योंकि नमी के कारण चारे में फंगल इन्फेक्शन फैल जाता है. अगर पुश ऐसे चारे का खाते हैं, तो उन्हें बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है.

बरसात में पशुओं को दें ये आहार

साथ ही गीला चारा खाने से पशुओं की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. एक्सपर्ट की माने तो बरसात के मौसम में गाय-भैंस को पौष्टिक और संतुलित चारा खिलाना चाहिए. किसान को उन्हें आहार में सूखा चारा, हरा चारा और मिनरल मिक्सचर देना चाहिए. अगर किसान चाहें, तो पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण भी करवा सकते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 25 Jun, 2025 | 02:15 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.