कर्नाटक के बाद अब इस राज्य में आम किसानों को मिलेगा मुआवजा? पूर्व CM ने PM से की अपील

एआईएडीएमके नेता पलानीस्वामी ने कर्नाटक के आम किसानों को PDPS के तहत राहत देने के फैसले का स्वागत किया और तमिलनाडु के किसानों को भी इसी तरह की मदद देने की मांग की.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 24 Jun, 2025 | 02:06 PM

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के आम किसानों को प्राइस डेफिशिएंसी पेमेंट स्कीम (PDPS) के तहत राहत देने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि तमिलनाडु के आम किसानों को भी इसी तरह की मदद दी जाए, क्योंकि उन्हें इस साल कम दाम मिलने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पलानीस्वामी ने अपने बयान में कहा कि PDPS योजना के तहत वित्तीय मदद तमिलनाडु के आम किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होगी, क्योंकि आम एक मौसमी फसल है, जो साल में सिर्फ एक बार ही उगाई जाती है. पलानीस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने PDPS योजना के तहत किसानों को राहत देने के लिए 2.5 लाख टन तोतापुरी आम की भरपाई करने का फैसला किया है, ताकि उन्हें हुए भारी नुकसान की भरपाई की जा सके. साथ ही उन्होंने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर आम किसानों की समस्याएं हल नहीं करने का आरोप लगाया.

4,000 रुपये प्रति टन प्रोत्साहन की मांग

पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है, जबकि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने अपने किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 20 जून के बाद आम पल्प बनाने वाली कंपनियों द्वारा सही दाम पर खरीद की घोषणा की थी, लेकिन चार दिन बीतने के बाद भी खरीद शुरू नहीं हुई है. उन्होंने मांग की कि सरकार कम से कम 4,000 रुपये प्रति टन का प्रोत्साहन तो दे.

4 रुपये किलो की दर से मिलेगा मुआवजा

बता दें कि कर्नाटक के आम किसानों को केंद्र और राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है. दोनों सरकारों ने मिलकर आम किसानों को 4 रुपये किलो की दर से मुआवजा देने का फैसला किया है. यह फैसला आम की गिरती कीमत और किसानों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए लिया गया है. किसानों को कम कीमत की भरपाई के लिए ‘डिफरेंशियल प्राइस’ के तहत मुआवजा दिया जाएगा. खास बात यह है कि ‘डिफरेंशियल प्राइस’ 2.5 लाख टन आम पर लागू होगा. वहीं, दोनों सरकारों के इस फैसले से किसानों ने राहत की सांस ली है.

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Published: 24 Jun, 2025 | 01:16 PM

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