FCI पर 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ, गेहूं स्टोर करने के लिए करना पड़ रहा है ज्यादा खर्च

साइलो में गेहूं को वैक्यूम जैसे हालात में 5 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है और ये रणनीति FCI की भंडारण नीति का अहम हिस्सा है. लेकिन दामी में कटौती से आढ़तियों और किसान संगठनों ने नाराज होकर किसानों को साइलो में सीधे गेहूं देने से मना कर दिया.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Published: 21 Jun, 2025 | 07:09 PM

पंजाब में स्टील साइलो (लोहे के गोदामों) में गेहूं स्टोर करने को लेकर भारतीय खाद्य निगम (FCI) को प्रति क्विंटल करीब 100 रुपये का अतिरिक्त लॉजिस्टिक्स खर्च उठाना पड़ रहा है. राज्य में कुल 9.85 लाख टन की साइलो क्षमता है, जिससे यह अतिरिक्त बोझ लगभग 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. यह खर्च उस फैसले के बाद बढ़ा है जिसमें FCI ने आढ़तियों (कमीशन एजेंट्स) को मिलने वाली “दामी” को 46 रुपये से घटाकर 23 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया.

बता दें कि साइलो में गेहूं को वैक्यूम जैसे हालात में 5 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है और ये रणनीति FCI की भंडारण नीति का अहम हिस्सा है. लेकिन दामी में कटौती से आढ़तियों और किसान संगठनों ने नाराज होकर किसानों को साइलो में सीधे गेहूं देने से मना कर दिया.

100 रुपये का अतिरिक्त खर्च आ रहा है

पंजाब खाद्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अब हमें पहले गेहूं को बोरियों में भरकर सामान्य गोदामों में रखना पड़ता है और बाद में साइलो में ट्रांसफर करना पड़ता है. इससे हर क्विंटल पर 100 रुपये का अतिरिक्त खर्च आ रहा है. FCI (भारतीय खाद्य निगम) ने आढ़तियों का कमीशन घटाने का कारण यह बताया कि साइलो में गेहूं जाने के बाद आढ़तियों की भूमिका काफी कम हो जाती है. लेकिन आढ़तियों का कहना है कि मंडी के सामान्य स्टॉक से साइलो में जाने वाले गेहूं को अलग करना एक जटिल प्रक्रिया है.

इन राज्यों में 16 जगहों पर साइलो

FCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि शुरुआती समय में नई व्यवस्था को अपनाने में दिक्कतें आती हैं. उन्होंने कहा कि जब और साइलो बन जाएंगे, तब खास मंडियों को सीधे उन साइलो से जोड़ा जाएगा. फिलहाल पंजाब में अमृतसर, फरीदकोट, गुरदासपुर, मोगा, पटियाला, संगरूर और लुधियाना समेत 16 जगहों पर साइलो हैं. इनमें कुल 9.85 लाख टन की क्षमता है, जिसमें से 7.85 लाख टन FCI के पास और 2 लाख टन राज्य की एजेंसी पनग्रेन के पास है. अडानी ग्रुप मोगा, फरीदकोट और संगरूर में 2.25 लाख टन का संचालन करता है. संगरूर में सबसे बड़ी साइलो क्षमता 3 लाख टन मौजूद है.

11 लाख टन क्षमता के नए साइलो बनाने का प्रस्ताव

दो साल पहले FCI ने 881 करोड़ रुपये की लागत से 11 लाख टन क्षमता के नए साइलो बनाने का प्रस्ताव दिया था, जो BOO (बिल्ड-ओन-ऑपरेट) मॉडल पर आधारित था. लेकिन पंजाब सरकार ने कमीशन घटाने के फैसले को लेकर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक्क ने इसका विरोध करते हुए कहा कि किसानों और आढ़तियों के बीच पुराना और मजबूत रिश्ता है. हमारी सरकार इस रिश्ते को तोड़ने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं करेगी.

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