नेपाल की पहाड़ियों में पाई जाने वाली ये गाय, देती है पौष्टिक दूध.. खूब है डिमांड

सीरी गाय नेपाल की पहाड़ी नस्ल है, जिसका आकार छोटा लेकिन पालन आसान है. यह प्रतिदिन औसतन 3 से 6 किलो दूध देती है. दूध की गुणवत्ता बेहतर होने से किसान इसे पालन कर मुनाफा कमा सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Sep, 2025 | 11:32 PM

Nepal Cow: गाय हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसान की आजीविका का अहम हिस्सा है. भारत में कई तरह की नस्लें पाई जाती हैं, जिनका पालन किसान अपनी सुविधा और क्षेत्र की जलवायु के अनुसार करते हैं. हर नस्ल की अपनी खासियत होती है. आज हम आपको एक ऐसी नस्ल के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इस नस्ल का नाम है सीरी (Siri Cow). यह नस्ल नेपाल और उसके आसपास के पहाड़ी इलाकों में पाई जाती है. इसका शरीर, रंग, दूध देने की क्षमता और जीवनशैली काफी अलग और खास है. आइए जानते हैं इस गाय की पूरी जानकारी.

सीरी गाय की खास पहचान

सीरी नस्ल की गाय छोटे आकार की पहाड़ी नस्ल है. इसका शरीर साधारण गायों की तुलना में छोटा और कॉम्पैक्ट होता है. यह नस्ल मुख्य रूप से नेपाल में पाई जाती है और वहां की पहाड़ी जलवायु के अनुसार खुद को ढाल चुकी है. किसानों के बीच यह नस्ल धीरे-धीरे प्रसिद्ध हो रही है क्योंकि इसका पालन आसान है.

शरीर की बनावट और रंग

सीरी गाय का शरीर काले, भूरे और सफेद धब्बेदार रंगों का मिश्रण होता है. इनका थूथन काला, जबकि त्वचा हल्के सलेटी रंग की होती है. इनके माथे पर सफेद धब्बे पाए जाते हैं, जो इसे और आकर्षक बनाते हैं. सींग मध्यम आकार के होते हैं और बाहर की ओर निकले रहते हैं. कान भी मध्यम आकार के और धरती के समानांतर दिखाई देते हैं. पैरों का निचला हिस्सा हल्का रंग लिए होता है.

दूध उत्पादन की क्षमता

सीरी गाय की दूध देने की क्षमता साधारण भारतीय नस्लों की तुलना में कम है, लेकिन इसका दूध पौष्टिक होता है. यह गाय प्रतिदिन लगभग 3 से 6 किलोग्राम तक दूध देती है. दूध देने की अवधि करीब 210 से 274 दिनों तक रहती है. दूध में वसा की मात्रा 2.8 फीसदी से 5.5 प्रतिशत तक पाई जाती है. यह गुण इसे खास बनाता है.

पालन में आसानी

सीरी गाय का पालन करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसे पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पाला जा सकता है. इसका शरीर मजबूत होता है और यह कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह सकती है. इनका आहार साधारण होता है और यह घास, चारा और प्राकृतिक भोजन से ही स्वस्थ रहती है. किसान कम खर्च में इनका पालन कर सकते हैं.

नेपाल से जुड़ी है पहचान

सीरी गाय का मूल स्थान नेपाल है. वहां यह नस्ल पहाड़ी इलाकों में काफी समय से पाई जाती है. नेपाल में इसकी कई संकर नस्लें भी विकसित हुई हैं. इनमें काछा-सीरी प्रमुख है, जो सीरी के समान ही दिखती है और लगभग उसी तरह दूध भी देती है. धीरे-धीरे इसकी पहचान भारत के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों तक भी बढ़ रही है.

किसानों के लिए फायदे

सीरी गाय का पालन किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है. भले ही इसका दूध उत्पादन ज्यादा नहीं है, लेकिन इसका दूध उच्च गुणवत्ता वाला और स्वास्थ्यवर्धक होता है. इसके अलावा, छोटे आकार की वजह से इसे ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती. यह कठिन जलवायु में भी आसानी से पाली जा सकती है. यही वजह है कि किसानों के बीच इस नस्ल की लोकप्रियता बढ़ रही है.

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Published: 10 Sep, 2025 | 11:32 PM

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