Punjab Agriculture News: पंजाब के कई हिस्सों में कपास की पहली कटाई शुरू हो गई है, लेकिन लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. इससे फसल को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में किसानों को आर्थिक घाटे का डर सता रहा है. कहा जा रहा है कि बाढ़ और बारिश के चलते 20,000 एकड़ से ज्यादा कपास की फसल (Cotton Crop) जलभराव की वजह से प्रभावित हुई है. वहीं, जमीन में नमी अधिक नमी होने के चलते फसल पर फंगस का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा पिंक बॉलवॉर्म (Pink Bollworm) जैसे कीटों का हमले की भी आशंका बढ़ गई है.
कृषि अधिकारियों का कहना है कि बारिश से पहले अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन अब हालात बिगड़ गए हैं. मालवा बेल्ट जैसे शुष्क इलाकों में कपास की परंपरागत खेती को दोबारा शुरू करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. खास 2022 से अब तक कपास की फसल को लगातार नुकसान पहुंच रहा है. कभी कीटों के हमले, तो कभी सिंचाई की कमी और कभी खराब मौसम के कारण फसल की बर्बादी हो रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मानसा जिले में कपास सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 13,500 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद हुई है.
6,400 एकड़ कपास पूरी तरह से चौपट
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फाजिल्का जिले में भी 6,400 एकड़ कपास की फसल पूरी तरह जलभराव से नष्ट हो चुकी है. अबोहर इलाके में भी किसान भारी नुकसान की आशंका जता रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जमीन पहले से ही सूखी रहती है. मानसा की मुख्य कृषि अधिकारी हरप्रीत कौर ने कहा कि इस बार पूरे पंजाब में कपास की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी. लेकिन पिछले हफ्ते लगातार हुई बारिश ने फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि हमारी फील्ड टीमें किसानों को फसल बचाने के तरीके बता रही हैं, क्योंकि फसल अब कटाई के आखिरी चरण में है.
बारिश से फसल को हो रहा नुकसान
हरप्रीत कौर ने यह भी कहा कि अगर अब और बारिश नहीं होती, तो खेतों से पानी निकालकर कुछ हद तक नुकसान को रोका जा सकता है. कपास के किसान जसदीप सिंह ने कहा कि फसल के शुरुआती चरण में कीटों का प्रकोप बहुत कम रहा, जिससे कीटनाशकों और दवाओं पर खर्च भी घटा और इससे किसानों को थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अब लगातार हो रही बारिश फसल के लिए बड़ा खतरा बन गई है.
कपास में फफूंदी लगने का बढ़ा खतरा
अबोहर के कृषि अधिकारी परमिंदर सिंह धनजू ने कहा कि सैदांवाली, खुइयां सरवर, आलमगढ़, दीवान खेड़ा और आसपास के इलाकों में 6,400 एकड़ से ज्यादा कपास की फसल को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि 4 अगस्त को हुई भारी बारिश ने खेतों में जलभराव कर दिया, जिससे पौधे नष्ट हो गए. अब कपास की पहली तुड़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन नई बारिश से कपास की बॉल्स (गांठें) में फफूंदी लगने का खतरा बढ़ रहा है.