बाढ़ से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न.. मूली, भिंडी, सेम, बैंगन, धान की फसल चौपट, सब्जियां महंगी

ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले में आई बाढ़ ने किसानों की धान की नर्सरी और सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 4 Aug, 2025 | 12:45 PM

हाल ही में ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले में आई बाढ़ ने किसानों की खड़ी धान की नर्सरी और बागवानी फसलों को बर्बाद कर दिया, जिससे फसल नुकसान को लेकर चिंता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि बाढ़ के चलते सैकड़ों एकड़ खरीफ और बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. किसानों ने कहा है कि अगर सरकार आर्थिक मदद नहीं करती है, तो किसान कर्ज में डूब जाएंगे. ऐसे में उनके लिए खेती करना मुश्किल हो जाएगा.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्तामुंडई ब्लॉक के सिंघागांव गांव के किसान मनिंद्र जेना ने कहा कि बाढ़ अचानक कहर बनकर आई और सबकुछ तबाह कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी दो एकड़ की धान की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है और अब कोई उपाय नहीं दिख रहा. किसान नेता और जिला कृषक सभा के सचिव उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि यह समय किसानों के लिए बहुत मुश्किल है. फसल बर्बादी का सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ेगा. बाढ़ ने सिर्फ अनाज ही नहीं, सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया है.

मौसमी सब्जियां पानी में डूबकर खराब हो गईं

किसान नेता उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि धान की नर्सरी लगाने के सिर्फ दो महीने बाद ही केंद्रापाड़ा जिले में आई बाढ़ ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. खेतों में दो से तीन दिन तक पानी भरा रहने से धान की पौध या तो पूरी तरह सड़ गई या मुरझा गई है. उन्होंने कहा कि साथ ही जिले की सब्जी फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे बाजार में कीमतें दोगुनी हो गई हैं. खास बात यह है कि मूली, भिंडी, सेम, बैंगन और परवल जैसी मौसमी सब्जियां पानी में डूबकर खराब हो गई हैं.

कद्दू और भिंडी जैसी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए

केंद्रापाड़ा के सब्जी विक्रेता प्रसांत साहू ने कहा कि कद्दू और भिंडी जैसी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं. नुकसान कम करने के लिए किसान कच्ची फसल भी तोड़ने लगे हैं, जिससे मांग और दाम दोनों बढ़ गए हैं. केंद्रापाड़ा के नदी किनारे बसे गांव, जो कटक, भुवनेश्वर जैसे शहरों को सब्जियां सप्लाई करते हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. विधायक गणेश्वर बेहेरा ने कहा कि इन गांवों के सैकड़ों एकड़ हरे भरे खेत तबाह हो चुके हैं. केंद्रापाड़ा के अपर जिलाधिकारी रवींद्र मलिक ने कहा कि हमने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित गांवों में फसल नुकसान का आकलन करें. रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार किसानों को सहायता प्रदान करेगी.

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Published: 4 Aug, 2025 | 12:43 PM

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