बिहार में 10 फीसदी ज्यादा रकबे में धान की रोपाई, 2 अगस्त से भारी बारिश का अलर्ट

बिहार में मॉनसून असमान होने के बावजूद इस साल धान की रोपाई पिछले वर्ष से 10 फीसदी अधिक रकबे में हुई है. कृषि विभाग के अनुसार 24.23 लाख हेक्टेयर में धान, 2.28 लाख हेक्टेयर में मक्का और कुल 28.53 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है

Kisan India
नोएडा | Updated On: 31 Jul, 2025 | 06:54 PM

बिहार के किसी जिले में खूब बारिश हो रही है, तो किसी में किसान सिंचाई के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद इस साल प्रदेश में धान की अच्छी रोपाई हुई है. पिछले साल के मुकाबले प्रदेश में अभी तक 10 फीसदी ज्यादा रकबे में किसानों ने धान बोया है. इससे राज्य सरकार और कृषि विभाग गदगद हैं. विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बारिश होने पर धान का रकबा और तेजी से बढ़ेगा. हालांकि, किसान प्रयाप्त बारिश न होने से धान रोपाई करने के लिए ट्यूबवेल का भी सहारा ले रहे हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव पंकज कुमार ने खरीफ फसल की बुवाई को लेकर जानकारी दी है. वहीं, विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस बार धान की फसल 24.23 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगाई गई है. वहीं, मक्का की बुवाई 2.28 लाख हेक्टेयर रकबे में हुई है. इसी तरह तेलहन समेत अन्य फसलों की कुल बुवाई 28.53 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई है. प्रमुख सचिव ने जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को खाद और अन्य कृषि सामग्री की कोई कमी न हो. इसके साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए छापेमारी भी की जाए.

2 अगस्त से होगी भारी बारिश

इसी बीच बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के लिए राहतभरी खबर है. बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सक्रिय है और राज्य के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है. औरंगाबाद, वैशाली, नवादा समेत कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग ने 2 अगस्त से भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है. पिछले 24 घंटों में औरंगाबाद के रफीगंज में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जो 70 मिमी से अधिक रही. पटना, पूर्णिया, सुपौल, नवादा और रोहतास जैसे जिलों में भी अच्छी बारिश हुई है.

किसानों ने तेजी की धान की रोपाई

लगातार बारिश से धान की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिली है और उन्होंने पौधों की रोपाई का काम तेज कर दिया है. हालांकि इस साल मॉनसून का पैटर्न असमान रहा है, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी भी देखी जा रही है. वहीं, कैचमेंट इलाकों में हो रही बारिश के कारण गंगा, गंडक, महानंदा और कोसी जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. खास बात यह है कि इस बारिश से औरंगाबाद जिले के किसानों को काफी फयदा होगा. इस जिले में किसान बड़े स्तर पर धान की खेती करते हैं. ऐसे भी धान की खेती के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है.

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Published: 31 Jul, 2025 | 06:49 PM

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