मोदी ने फिर दिया दुनिया को सिंदूर का संदेश…आवास पर लगाया पौधा, जानिए क्या है 1971 युद्ध से कनेक्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर "सिंदूर का पौधा" लगाया. इस पौधे को गुजरात के कच्छ की उन महिलाओं ने भेंट किया, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाया था.

नई दिल्ली | Updated On: 5 Jun, 2025 | 04:38 PM

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अनोखा और खास कदम उठाया है. उन्होंने अपने आवास पर सिंदूर का पौधा लगाया, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि देश की महिलाओं की बहादुरी और शक्ति का भी प्रतीक माना जाता है. इस पौधे को मोदी जी को गुजरात के कच्छ की उन महिलाओं ने भेंट किया था, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाया था.

क्यों लगाया सिंदूर का पौधा?

सिंदूर भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा लगाया जाने वाला धार्मिक चिह्न है, जो विवाह और महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है. इस पौधे का चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि हाल ही में अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य अभियान चलाया था. यह अभियान देश की प्रतिबद्धता और साहस को दर्शाता है.

महिलाओं की बहादुरी को सलाम

पीएम मोदी ने बताया कि कच्छ यात्रा के दौरान उन्होंने उन बहादुर महिलाओं से मुलाकात की, जिन्होंने 1971 के युद्ध में असाधारण साहस दिखाया. इन महिलाओं ने उन्हें सिंदूर के पौधे उपहार स्वरूप दिए. पीएम ने कहा कि यह पौधा हमेशा देश की महिलाओं के साहस और प्रेरणा का प्रतीक रहेगा.

अरावली हरित मिशन- पर्यावरण की नई पहल

अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है. यह गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली हुई है. लेकिन यहां पर्यावरणीय चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इस मिशन के तहत अरावली क्षेत्र में नए-नए तकनीकी तरीकों से वृक्षारोपण किया जाएगा. जियो-टैगिंग और डिजिटल निगरानी से पेड़ों की देखभाल बेहतर होगी.

पीएम मोदी का आम जनता से आह्वान

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा कि वे सभी से आग्रह करते हैं कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और गहरा करें और आने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करें. उन्होंने उन सभी लोगों की सराहना की, जो जमीनी स्तर पर हरित और बेहतर पर्यावरण बनाने के लिए काम कर रहे हैं. इसी के साथ प्रधानमंत्री ने युवाओं से भी आग्रह किया कि वे इस हरित आंदोलन का हिस्सा बनें. हमें मिलकर अपने ग्रह को हरा-भरा बनाना है. हर छोटा कदम, हर नया पौधा, हमारी धरती को बचाने में मदद करेगा.

Published: 5 Jun, 2025 | 03:46 PM