मॉनसून की शुरुआत होते ही किसानों ने बारिश में अच्छी उपज देने वाली फसलों की बुवाई कर दी है. लेकिन जरूरत से ज्यादा बारिश और मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते फसलों में कीटों के लगने का संकट गहरा गया है. इन फसलों में से एक मिर्च की फसल भी है जिसमें मौसम की मार के कारण कीटों के प्रकोप का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है. बरसात के दिनों में मिर्च की फसल पर थ्रिप्स , एफिड्स, सफेद मक्खी, और फल छेदक (Fruit Borer) जैसे कीटों का खतरा बढ़ने लगता है. ऐसे में न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते इसका बचाव करें. बता दें कि किसान जैविक तरीकों को अपनाकर कीटों से मिर्च की फसल का बचाव कर सकते हैं.
कीटों से होने वाला नुकसान
मिर्च की फसल पर थ्रिप्स , एफिड्स, सफेद मक्खी, और फल छेदक जैसे कीट आक्रमण कर पत्तियों का रस चूसते हैं, जिसके कारण पत्तियां मुड़ जाती हैं. आगे चलकर ये पत्तियां पीली पड़कर सिकुड़ने लगती हैं. इन कीटों के संक्रमण से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और पैदावार की क्वालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा ये सभी रोग वायरस जनित होते हैं इसलिए अगर समय रहते इन्हें रोका न जाए तो ये तेजी से फैलकर पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं.
बचाव के लिए अपनाएं जैविक तरीका
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मिर्च की फसल को कीटों से बचाने के लिए केमिकल कीटनाशकों के इस्तेमाल की जगह पर जैविक तरीकों से फसल का बचाव करना चाहिए. बता दें कि, मिर्च की फसल को कीटों से बचाने के लिए नीम की निंबोली से बना घोल बहुत ही फायदेमंद होता है. यह घोल पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों और रस चूसने वाले कीटों दोनों पर असर करता है. खास बात ये है कि इसे किसान बिना पैसे खर्च किए खुद अपने घर पर भी आसानी से तैयार कर सकते हैं. साथ ही किसान फसलों पर इसका छिड़काव हर 15 दिन में कर सकते हैं. इस घोल के इस्तेमाल से फसल पर लगने वाले कीटों को कंट्रोल किया जा सकता है.
ऐसे तैयार करें घोल
बता दें कि निंबोली से बना घोल बनाने के लिए किसानों को सबसे पहले 5 किलोग्राम नीम की निंबोली को लेना होगा और उसे अच्छी तरह से कूटना या पीसना होगा. इसके बाद 20 लीटर की बाल्टी में 10 लीटर साफ पानी और उसमें तैयार किया गया निंबोली का चूर्ण डालकर दो दिन तक ढंककर गलने के लिए रख दें. दो दिन बाद इस मिश्रण को छान लें और जो गाढ़ा घोल तैयार होगा, उसे मिर्च की फसलों पर छिड़काव के लिए इस्तेमाल करें. बता दें कि, मिर्च की फसल पर इस घोल का छिड़काव करने के लिए 15 लीटर के पंप में 13.5 लीटर पानी लें और उसमें 1 लीटर नीम निंबोली का तैयार घोल मिलाएं. इस मिश्रण को मिर्च की फसल पर अच्छी तरह से छिड़कें. इस घोल को हर 15 दिन में एक बार फसल पर छिड़कना चाहिए. इससे कीटों की संख्या कम हो जाती है और फसलों को नुकसान नहीं होता है.