राजस्थान में किसान-पुलिस की भिड़ंत…16 वाहन फूंके गए, पूरे इलाके में इंटरनेट बंद- जानें पूरा मामला

किसानों ने ट्रैक्टरों की मदद से फैक्टरी की चारदीवारी गिरा दी, कई सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की और करीब 16 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सुरक्षा की स्थिति बिगड़ते ही प्रशासन ने तिब्बी कस्बे और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 11 Dec, 2025 | 09:19 AM

Rajasthan farmers protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के तिब्बी क्षेत्र में बुधवार को किसानों और पुलिस के बीच हुए जोरदार टकराव ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना दिया. लंबे समय से प्रस्तावित एथेनॉल फैक्टरी का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा इस कदर भड़क गया कि देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया. किसानों ने ट्रैक्टरों की मदद से फैक्टरी की चारदीवारी गिरा दी, कई सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की और करीब 16 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सुरक्षा की स्थिति बिगड़ते ही प्रशासन ने तिब्बी कस्बे और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और स्कूलोंदुकानों को भी बंद करवाया गया.

पुलिस रोक नहीं पाई भीड़

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना की शुरुआत सुबह तब हुई, जब किसान एथेनॉल फैक्टरी के विरोध में SDM कार्यालय के बाहर जमा हुए. यहां आयोजित महापंचायत में हजारों लोग शामिल हुए और फैक्टरी को वातावरण व खेती के लिए ‘खतरनाक’ बताते हुए इसे बंद कराने की मांग की.

दोपहर 4 बजे जैसे ही भीड़ फैक्टरी की ओर कूच करने लगी, पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उग्र भीड़ आगे बढ़ती चली गई. पुलिस द्वारा किए गए हल्के लाठीचार्ज के बावजूद भीड़ इतनी बड़ी थी कि पुलिस पीछे हटने पर मजबूर हो गई.

किसानों ने मौके पर पहुंचते ही फैक्टरी की अधूरी दीवार को ट्रैक्टरों से ढहा दिया और परिसर के बाहर खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते कई वाहन जलने लगे और धुआं चारों ओर फैल गया.

राजनीतिक दल भी आंदोलन के समर्थन में उतरे

इस विरोध प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों और किसान संगठनों का पूरा समर्थन मिला. कांग्रेस, CPI(M) और हरियाणापंजाब के किसान संगठनों के कई बड़े नेता इस महापंचायत में शामिल हुए.

श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदोरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जनता की भावनाओं के अनुरूप चुनी गई सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि फैक्टरी शुरू होने से क्षेत्र में प्रदूषण और बढ़ेगा, जबकि पहले ही इंदिरा गांधी नहर परियोजना के दूषित पानी से लोग परेशान हैं.

सांगड़िया विधायक अभिमन्यु पूनिया और अन्य नेताओं ने भी साफ कहा कि यह संघर्ष केवल फैक्टरी के खिलाफ नहीं, बल्कि किसानों की जमीन और पर्यावरण की सुरक्षा का प्रश्न है.

इलाके में धारा 163 लागू, भारी पुलिस बल तैनात

स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने तिब्बी क्षेत्र में 18 नवंबर से ही धारा 163 लागू कर रखी है. बुधवार की घटना को ध्यान में रखते हुए SP हरीशंकर ने करीब 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, जिसमें कई पुलिस थानों का बल शामिल था. एक ASP और दो DSP भी मौके पर मौजूद थे.

इसके बावजूद भीड़ इतनी विशाल थी कि पुलिस नियंत्रण खो बैठी और हालात बिगड़ते चले गए. क्षेत्र में कई रास्तों पर भारी वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए घग्गर पुल पर सीमेंट ब्लॉक लगाकर बैरिकेडिंग भी की गई थी.

एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्टरी

राठीखेड़ा गांव के पास 450 करोड़ रुपये की लागत से एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्टरी का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोग लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यह फैक्टरी न केवल प्रदूषण फैलाएगी, बल्कि कृषि भूमि और पानी की गुणवत्ता पर भी गंभीर असर डालेगी.

किसानों का कहना है कि उनकी आपत्तियों को सुने बिना ही निर्माण आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके कारण मजबूरी में आंदोलन तेज करना पड़ा. कुछ समय पहले तक किसान फैक्टरी साइट पर धरने पर बैठे थे, जिन्हें हाल ही में हटाया गया था. इसके बाद फैक्टरी की सीमा दीवार का निर्माण तेज गति से पूरा किया गया. वर्तमान में निर्माण कार्य जारी रखने के लिए बॉर्डर होमगार्ड की दो बटालियन लगातार तैनात हैं.

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