Agriculture News: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) के माध्यम से एक योजना शुरू की है, जिसमें एथेनॉल प्लांट, कोजनरेशन प्लांट लगाने या वर्किंग कैपिटल के लिए सहायता दी जा सकती है. इस योजना के तहत मंत्रालय ने NCDC को कुल 1000 करोड़ रुपये जारी किए (FY 2022-23 में 500 करोड़ और FY 2024-25 में 500 करोड़). साथ ही एनसीडीसी ने 56 सहकारी शुगर मिलों को 10,005 करोड़ रुपये दिए.
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय 6 जुलाई 2021 को स्थापना के बाद से ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है. साथ ही उसने देश में खासकर कर्नाटक में, डेयरी, शुगर और कृषि सहकारों को मजबूत करने के कई कदम उठाए हैं. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने साफ किया है कि सहकारी शुगर मिलों को किसानों को ऊंची कीमत (Fair and Remunerative या State Advised Price) देने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना होगा, जो अप्रैल 2016 से लागू है. बजट 2023-24 में भी इसे शामिल किया गया है, जिसमें शुगर को-ऑपरेटिव्स को 2016- 17 से पहले की कटाई के भुगतान को खर्च के रूप में दिखाने की अनुमति मिली. इससे उन्हें 46,000 करोड़ रुपये से अधिक का राहत मिला.
4,164.95 करोड़ रुपये कर्नाटक में सहकारी विकास के लिए दिए गए
उन्होंने कहा कि इंडियन पोटाश लिमिटेड, सहकारिता मंत्रालय के सुझाव पर, बंद सहकारी शुगर मिलों को पुनर्जीवित करने की पहल कर रही है. नेशनल कोऑपरेटिव डाटाबेस (NCD) के अनुसार, कर्नाटक में कुल 46,798 सहकारी संस्थाएं हैं, जिनमें 2,38,07,649 सदस्य हैं. 25 नवंबर 2025 तक, एनसीडीसी ने पूरे देश में सहकारी संस्थाओं के विकास के लिए कुल 4,67,455.66 करोड़ रुपये वितरित किए, जिनमें से 4,164.95 करोड़ रुपये कर्नाटक में सहकारी विकास के लिए दिए गए.
देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है
बता दें कि बीते नवंबर महीने में 19 तारीख को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) की 92वीं जनरल काउंसिल बैठक को संबोधित किया था. तब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय के बनने के बाद सहकारी क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है और NCDC इस बदलाव की मुख्य नींव बन गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों, ग्रामीण परिवारों, मछुआरों, छोटे उत्पादकों और उद्यमियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा दे रही है और यह देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है.