देश में एशियाई शेरों, बाघों और हाथियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, जानिए अब कितनी है आबादी

बाघ संरक्षण परियोजना (Project Tiger) और हाथी परियोजना (Project Elephant) के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें मुआवजा, फेंसिंग, प्रशिक्षण, और तकनीकी उपकरणों की आपूर्ति शामिल है.

नई दिल्ली | Published: 25 Jul, 2025 | 09:21 AM

देश में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए किए गए प्रयास अब असर दिखाने लगे हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने शेर, बाघ और हाथियों की जनगणना से जुड़े ताजा आंकड़े राज्यसभा में पेश किए. ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में इन प्रमुख वन्यजीवों की आबादी में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे समय में जब दुनिया भर में जैव विविधता घट रही है, भारत में इन खास जानवरों की संख्या बढ़ना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

बाघों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त

PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) द्वारा देशभर में हर चार साल में होने वाली बाघों की गणना के अनुसार, भारत में बाघों की संख्या 2018 में 2967 थी, जो 2022 में बढ़कर 3682 हो गई. यह संकेत करता है कि देशभर में बाघ संरक्षण की योजनाएं सफल रही हैं. वर्तमान में देश में 58 टाइगर रिजर्व हैं, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का करीब 2.5 फीसदी हिस्सा घेरे हुए हैं.

एशियाई शेरों की संख्या भी बढ़ी

गुजरात सरकार द्वारा 2025 में कराई गई 16वीं शेर जनगणना के अनुसार, एशियाई शेरों की संख्या अब 891 हो चुकी है, जबकि 2020 में यह 674 थी. शेरों के संरक्षण के लिए गुजरात में बर्डा क्षेत्र को इनका दूसरा घर बनाया गया है, जहां घास के मैदानों को बेहतर बनाकर उनके रहवास को सुरक्षित किया जा रहा है.

हाथियों की जनगणना और संरक्षण

हाथियों की आखिरी बार देशव्यापी गणना 2017 में हुई थी, तब इनकी संख्या 29,964 आंकी गई थी. हाथियों के संरक्षण के लिए देश के 14 राज्यों में 33 हाथी रिजर्व बनाए गए हैं. इन क्षेत्रों में हाथियों के आवास, प्रवास और मानव-हाथी संघर्ष को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है.

मानव-वन्यजीव संघर्ष के समाधान के लिए उठाए गए कदम:

  • जंगलों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाने के लिए राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, संरक्षण रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं.
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 2021 और 2022 में दिशानिर्देश और सलाह जारी की हैं, जिनमें तेज राहत राशि, रैपिड रिस्पॉन्स टीमें और फेंसिंग जैसे उपाय शामिल हैं.
  • बाघ संरक्षण परियोजना (Project Tiger) और हाथी परियोजना (Project Elephant) के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें मुआवजा, फेंसिंग, प्रशिक्षण, और तकनीकी उपकरणों की आपूर्ति शामिल है.
  • सरकार ने हाल ही में वन्यजीव हमलों में मृत्यु या स्थायी अपंगता पर मुआवजा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है.