रेशम की खेती से जुड़ेंगी 50 हजार महिलाएं, यूपी में रेशम सखियों की ट्रेनिंग शुरू

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए वित्तीय वर्ष 2025-26 की सालाना कार्ययोजना में 7,500 समूह सदस्यों को रेशम उत्पादन से जोड़ने का लक्ष्य है. यह पहल ग्रामीण रोजगार बनाने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 23 Apr, 2025 | 06:43 PM

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में रेशम उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए रेशम की खेती में महिलाओं को जोड़ने की तैयारी है. राज्य सरकार 15 जिलों के 7500 समूहों के सदस्यों को रेशम उत्पादन से जोड़ा जाएगा. इसमें 50 हजार महिलाएं भी हैं, जो रेशम के उत्पादन में हिस्सेदारी लेंगी. राज्य सरकार की इस पहल से ग्रामीण रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. योगी सरकार इससे पहले 1050 महिला समूहों को रेशम उत्पादन से जोड़ चुकी है. राज्यभर के हर ब्लॉक में ‘रेशम सखियों’ और ब्लॉक मिशन मैनेजरों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेशम उत्पादन बढ़ाने का टारगेट तय किया है. इस योजना के तहत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में 7,500 समूह सदस्यों को रेशम उत्पादन से जोड़ना है. रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 15 जनपदों में कार्यान्वयन की रणनीति बनाई है. इन जनपदों में ट्रैनिंग, आधुनिक तकनीक और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि रेशम किसानों और उत्पादकों को वैश्विक बाजार के लिए प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. रेशम उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं रेशम विभाग के बीच पहले ही एमओयू साइन किया जा चुका है. इस समझौते के तहत अगले पांच वर्षों में 5000 महिला समूहों की 50,000 सदस्यों को रेशम उत्पादन एवं उद्योग से जोड़ा जाएगा.

रेशम उत्पादन में ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता

सीएम योगी ने इस योजना को ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्राथमिकता दी है. रेशम उत्पादन से जुड़े समूहों को बीज, उपकरण और मार्केटिंग सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. यह कदम ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) योजना के तहत भी रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक होगा, जिससे प्रदेश के पारंपरिक कारीगरों को नई पहचान मिलेगी.

यूपी में 400 मीट्रिक टन रेशम उत्पादन

प्रदेश में रेशम का वार्षिक उत्पादन 400 मीट्रिक टन है, जबकि खपत 3,500 मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है. सबसे अधिक रेशम की मांग प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में है, जहां इसे मुख्यमंत्री की ओडीओपी योजना के तहत भी शामिल किया गया है. राज्य को रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस वर्ष “मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना” प्रारंभ की गई है. पिछले 8 वर्षों में रेशम के निर्यात में 28 गुना वृद्धि हुई है. यह योजना प्रदेश में रेशम उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी.

रेशम सखियों को ट्रेनिंग दे रही सरकार

रेशम विभाग के अनुसार अब तक 1050 महिला समूहों को रेशम उत्पादन से जोड़ा जा चुका है. प्रत्येक ब्लॉक में ‘रेशम सखियों’ और ब्लॉक मिशन मैनेजरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. रेशम उत्पादन, धागा निर्माण, कपड़ा बुनाई और तैयार उत्पादों की बिक्री में बढ़ाने के लिए तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी. योगी सरकार के इस दूरदर्शी कदम से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे. योगी सरकार का टारगेट अगले 5 साल में रेशम निर्यात को दोगुना करना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा.

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Published: 23 Apr, 2025 | 06:37 PM

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