बारिश… कभी राहत तो कभी आफत. भारत में जुलाई के महीने में यही हाल है. उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक, हर राज्य बारिश की मार या मेहरबानी से जूझ रहा है. कहीं लोग बारिश की ठंडी फुहारों का आनंद ले रहे हैं, तो कहीं बाढ़, भूस्खलन और जलभराव से जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह सिलसिला अभी कुछ दिनों और चलेगा. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का क्या हाल है और आगे क्या कुछ हो सकता है.
दिल्ली-NCR में बादलों की आवाजाही से राहत
दिल्ली और एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है. उमस भरी गर्मी से बेहाल लोगों के लिए यह बारिश किसी राहत से कम नहीं रही. तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान करीब 33 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक ऐसे ही बादल छाए रहने और हल्की-फुल्की बारिश की संभावना जताई है. हालांकि राजधानी में जलभराव और ट्रैफिक की परेशानी लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में खलल डाल रही है.
उत्तराखंड में लैंडस्लाइड का बढ़ा खतरा
उत्तराखंड में मानसून का असर खतरनाक रूप में सामने आ रहा है. देहरादून, नैनीताल, टिहरी जैसे जिलों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. कुछ इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं. बुधवार को देहरादून में मूसलाधार बारिश ने तापमान को करीब 2.8 डिग्री गिरा दिया. पहाड़ी इलाकों में रास्ते बंद हो रहे हैं और कई गांवों का संपर्क शहरों से कट गया है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
उत्तर प्रदेश में बारिश से भीगे शहर, 30 जिलों में अलर्ट
उत्तर प्रदेश में मानसून ने जोर पकड़ लिया है. प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, कानपुर जैसे बड़े शहरों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने 30 से अधिक जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव की समस्या गहराती जा रही है. खेतों में पानी भर जाने से किसानों को भी नुकसान होने की आशंका है.
केरल में नदियों का बढ़ता जलस्तर बना चिंता का कारण
दक्षिण भारत का राज्य केरल भी इस समय तेज बारिश की चपेट में है. इडुक्की, त्रिशूर, एर्नाकुलम, कन्नूर और कासरगोड जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. कई जगहों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. केरल की बारिश भले ही वहां के वातावरण को हरा-भरा कर रही हो, लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति चिंता बढ़ा रही है.
राजस्थान में रेगिस्तान में भी बरसने लगे बादल
राजस्थान जैसे सूखे माने जाने वाले राज्य में भी बादलों ने डेरा डाल लिया है. जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर जैसे जिलों में अगले दो दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. बारिश के बाद तापमान में गिरावट तो देखने को मिलेगी, लेकिन इससे बढ़ी उमस लोगों को परेशान कर सकती है.
हिमाचल प्रदेश में मानसून बना जानलेवा, 100 से ज्यादा मौतें
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा दी है. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 199 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं. दर्जनों मकान ढह चुके हैं. राज्य के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. यात्रियों और स्थानीय लोगों को पहाड़ी रास्तों से बचने की सलाह दी गई है.
मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश के बाद अब थोड़ी राहत के आसार
मध्य प्रदेश में भी मानसून ने जमकर बरसात की है. भोपाल, नीमच, रतलाम, झाबुआ और कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में अब तक सामान्य से 76% अधिक बारिश हो चुकी है. हालांकि अगले 48 घंटे में सिस्टम कमजोर होने के कारण बारिश की तीव्रता थोड़ी घट सकती है, लेकिन लोकल सिस्टम के चलते रुक-रुक कर फुहारें जारी रहेंगी.
हरियाणा में चार दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा
हरियाणा में भी मानसून की मेहरबानी जारी है. फरीदाबाद, गुरुग्राम, यमुनानगर और अंबाला जैसे जिलों में लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में येलो अलर्ट जारी किया है. विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून की टर्फ लाइन बीकानेर और ग्वालियर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है, जिससे लगातार नमी वाली हवाएं आ रही हैं. राज्य में अब तक सामान्य से 38 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है.
बिहार और बंगाल में अलर्ट पर प्रशासन, हालात बिगड़ने का खतरा
बिहार में भी मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है. पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई है. फल्गु नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. मौसम विभाग ने मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली और नालंदा में रेड अलर्ट जारी किया है. बंगाल में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं. हालांकि झारखंड की ओर बढ़ते निम्न दबाव के कारण बारिश की तीव्रता थोड़ी कम हुई है, लेकिन 22 जुलाई तक बंगाल के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी.