बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायोस्टिमुलेंट्स (जैविक उर्वरक) और नैनो उर्वरकों की जबरन और अनियमित बिक्री पर सख्त कदम उठाने का जो फैसला लिया है, वह सराहनीय है. उन्होंने इसे किसानों के हित में एक जरूरी और दूरदर्शी कदम बताया. सिन्हा ने बताया कि चौहान ने इस विषय में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चिंता जताई है. पत्र में कहा गया है कि खुदरा विक्रेता किसानों को अनुदान पर मिलने वाले यूरिया और डीएपी जैसे पारंपरिक उर्वरक न देकर, जबरन नैनो उर्वरक या बायोस्टिमुलेंट्स बेच रहे हैं. यह किसानों के साथ अन्याय है और ऐसी गलत प्रथाओं पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
उप मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अब बिना वैज्ञानिक जांच और मंजूरी के कोई भी बायोस्टिमुलेंट्स (Bio-stimulants) बाजार में नहीं बिकेगा. उन्होंने मंत्रालय को स्पष्ट नियम और प्रक्रिया (SOP) तैयार करने को कहा है, ताकि इन उत्पादों की गुणवत्ता और असर का सही मूल्यांकन हो सके.
गांवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद किया
सिन्हा ने कहा कि हाल ही में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद किया. किसानों ने उर्वरकों, बीजों, बायोस्टिमुलेंट्स और नैनो यूरिया की बिक्री को लेकर अपनी परेशानियां बताईं. इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को इनके समाधान और सही अमल पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.
वैज्ञानिक रूप से असरदार और फायदेमंद साबित होंगे
उन्होंने यह भी कहा कि काफी समय से लगभग 30,000 बायोस्टिमुलेंट्स उत्पाद बिना किसी नियंत्रण के बाजार में बिकते रहे, जिससे किसानों में भ्रम की स्थिति बनी रही. अब केवल वही उत्पाद बाजार में बिक सकेंगे जो वैज्ञानिक रूप से असरदार और फायदेमंद साबित होंगे. सिन्हा ने आगे बताया कि ‘कृषि कल्याण संवाद’ के दौरान जब किसानों से बातचीत हुई, तो यह जानकारी सामने आई कि कई उर्वरक विक्रेता किसानों को डीएपी और यूरिया के साथ नैनो यूरिया व अन्य बायोस्टिमुलेंट उत्पाद जबरन जोड़कर बेच रहे हैं. यह मामला हमारे ध्यान में भी आया था. इस पर हमने विभाग के साथ बैठक की थी और केंद्रीय कृषि मंत्री को भी इसकी जानकारी दी थी. ऐसे में उनका यह फैसला लंबे समय से जरूरी था और यह किसानों के हित में है.
17 जुलाई को बिहार आएंगे शिवराज सिंह चौहान
सिन्हा ने यह भी कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि इस अहम फैसले के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 17 जुलाई को बिहार आ रहे हैं. एक महीने के भीतर उनका दोबारा बिहार आना, राज्य और यहां की कृषि को लेकर उनकी गंभीरता को दिखाता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले को पूरी तरह लागू करेगी और राज्य में जबरन टैगिंग और बायोस्टिमुलेंट्स की अनियमित बिक्री पर नजर रखते हुए जरूरी कदम उठाएगी.