नकली खाद-बीज बेचने वालों पर होगी कार्रवाई, किसान इस टोल फ्री नंबर पर करें कॉल.. जल्द बनेगा कानून

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि नकली खाद- बीज बेचने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी. इसके लिए हम सीड एक्ट और पेस्टिसाइड का एक्ट भी बना रहे हैं, जिसमें कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान रहेगा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 16 Jul, 2025 | 08:08 PM

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प किसानों का भला करना है. इसके लिए केंद्र सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ उर्वरक सब्सिडी पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. जबकि, अब तक किसानों को 1.40 लाख करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम भी दिया जा चुका है. इसके अलावा पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस सब्सिडी जैसी कई सुविधाएं भी सरकार किसानों को दे रही है. इस दौरान शिवराज सिंह ने किसानों से अपील की कि जहां कहीं भी नकली खाद-बीज की बिक्री हो रही है, किसान तुरंत 18001801551 टोल फ्री नंबर पर खबर करें.

उन्होंने कहा कि मैं बेईमानों को नहीं छोडूंगा. नकली खाद- बीज बेचने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी. इसके लिए हम सीड एक्ट और पेस्टिसाइड का एक्ट भी बना रहे हैं, जिसमें कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान रहेगा. ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के स्थापना दिवस पर शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे अपने अंदर की शक्ति और समर्पण को पहचानें और ऐसे विषयों पर काम करें जो देश के लिए जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि हमें भारत के किसानों की आय बढ़ानी है और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है. इसके लिए कृषि क्षेत्र में बहुत तेजी से काम करने की जरूरत है.

सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने की जरूरत

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि अभी तक बाजार में करीब 30,000 बायोस्टिम्युलेंट (फसल बढ़ाने वाले जैविक उत्पाद) बिक रहे थे, लेकिन इन्हें जांचने और प्रमाणित करने का कोई सिस्टम नहीं था. अब नई व्यवस्था बनाई गई है. इस व्यवस्था के तहत इन सभी बायोस्टिम्युलेंट्स को ICAR की किसी संस्था से प्रमाणित कराना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि उनके लिए ऐसी छोटी-छोटी मशीनें बनें, जो छोटे खेतों में भी आसानी से चल सकें. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान ये भी चाहते हैं कि टमाटर जैसी सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जाए, ताकि फसल जल्दी खराब न हो. शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शोध होना चाहिए.

भारत से ज्यादा फ्रांस में होती है पैदावार

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सिर्फ किसानों को बीज बांट देने से फसल विविधीकरण (डायवर्सीफिकेशन) नहीं होगा. अगर हमारी आयात-निर्यात नीति ऐसी बने, जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो, तभी वे अलग-अलग फसलें उगाने के लिए तैयार होंगे. उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि अब सबसे बड़ी चुनौती है दलहन और तिलहन की प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाना है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फ्रांस में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 68.80 क्विंटल है, जबकि भारत में यह अभी करीब 50 क्विंटल है.

जानें कब कितना बढ़ा खाद्यान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारा खाद्यान उत्पादन हरित क्रांति के दौरान 1966- 79 तक 2.7 मिलियन टन हर साल बढ़ा. जबकि, 1980-90 तक 6.1 मिलियन टन, 1990-2000 तक 3.9 मिलियन टन और 2000-13 तक 3.9 मिलियन टन की दर से हर साल उत्पादन में बढ़ोतरी हुई. लेकिन 2014 से 2025 तक यह बढ़त 8.1 मिलियन टन हर साल रही. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति ने देश की दिशा बदल दी, लेकिन उसके मुकाबले पिछले 10-11 सालों में ढाई से तीन गुना ज्यादा उत्पादन बढ़ा है.

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Published: 16 Jul, 2025 | 08:00 PM

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