इस बार मानसून भले ही देर से गया हो, लेकिन उसने मिट्टी में नमी भर दी है. राजस्थान के उत्तरी और पूर्वी इलाकों में जलाशय इस समय लगभग पूरे भरे हुए हैं. इससे रबी फसलों की बुवाई के लिए परिस्थितियां काफी अनुकूल हो गई हैं. राजस्थान कृषि विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 24 अक्टूबर तक राज्य में सरसों की बुवाई का रकबा 16.84 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नकली खाद- बीज बेचने वालों के खिलाफ सरकार अपने स्तर पर इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने राष्ट्रीय बीज निगम की टीम का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह पहल आत्मनिर्भर कृषि प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
NSC Seeds Plants: कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान सबसे ज्यादा शिकायतें नकली और घटिया बीज के संबंध में आई थी, ऐसे में गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध होना जरूरी है. इसमें NSC की भूमिका काफी अहम है.
धान कटाई के बाद किसान गेहूं और सरसों की बुवाई में जुटे हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्नत किस्में जैसे DBW 303 और पूसा मस्टर्ड 32 अपनाने से 20–25 फीसदी तक उत्पादन बढ़ सकता है. लाइन सोइंग, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और पराली प्रबंधन जैसी तकनीकें अपनाकर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
कई किसान नींबू की खेती में फल न लगने की समस्या झेलते हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पौधों की जड़ों के आसपास गुड़ाई करें, पोटाश और एप्सम सॉल्ट डालें तथा गोबर की खाद और लकड़ी की राख मिलाएं. ये सस्ते और प्रभावी उपाय पौधे की वृद्धि बढ़ाते हैं और नींबू की पैदावार में तेजी से सुधार लाते हैं.
गेहूं और सरसों के साथ अब राजमा भी किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इसका कारण है कम लागत, बेहतर पैदावार और बाजार में अच्छी कीमत. अगर किसान थोड़ी तकनीक और सावधानी के साथ खेती करें, तो रबी सीजन में राजमा से बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है.