बिहार सरकार किसानों के लिए नर्सरी आधारित कृषि वानिकी को बढ़ावा दे रही है. इससे किसानों को कम लागत में गुणकारी पौधे मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी. नई नर्सरी बनाने पर 50% अनुदान भी दिया जा रहा है. यह योजना गांवों में हरियाली, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी.
Clove Farming : लौंग का पौधा एक बार लगाने पर कई सालों तक लगातार उत्पादन देता है. गर्म और नम जलवायु में यह फसल तेजी से बढ़ती है और कम पानी में भी तैयार हो जाती है. इसकी सूखी कलियों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, इसलिए किसान इसे टिकाऊ और लंबी अवधि की कमाई का अच्छा विकल्प मान रहे हैं.
चना और मसूर की फसलों में पाले की वजह से उकठा रोग फैल सकता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. जानिए इसके शुरुआती लक्षण और कारगर बचाव के उपाय, ताकि फसल को 100% नुकसान से बचाया जा सके.
अब तक 37,000 किसानों ने ऑनलाइन टोकन के माध्यम से खाद खरीदी है. इस सेवा में प्रति बोरी कुल 25 रुपए शुल्क लिया जा रहा है, जिसमें 15 रुपए परिवहन, 5 रुपए लोडिंग और 5 रुपए अनलोडिंग शामिल हैं.
हिमाचल में पिछले तीन सालों में 1,058 कीटनाशक और फफूंदनाशी नमूने जांचे गए और कोई नकली नहीं मिला. विशेषज्ञ हरी चंद रोअच ने कहा कि कीटनाशक केवल विशेषज्ञ की सलाह पर बिकें और किसानों को बिल जरूर लेना चाहिए. विभाग ने किसानों को सिफारिशों का पालन और जागरूकता बढ़ाने की हिदायत दी.
केंद्र सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है जिसमें यूरिया की खरीद का रिकॉर्ड सीधे किसान की भूमि-होल्डिंग से जोड़ा जाएगा. इससे यह साफ हो जाएगा कि किसान वास्तविक आवश्यकता के अनुसार उर्वरक खरीद रहा है या नहीं.