खाद खरीदते समय सुपर फास्फेट, पोटाश और जिंक सल्फेट की असली-नकली पहचान बेहद जरूरी है. कुछ आसान घरेलू टेस्ट से किसान मिनटों में मिलावटी खाद पकड़ सकते हैं.
राज्य सरकार ने भूजल बचाने और पराली जलाने की समस्या को कम करने के लिए पूसा-44 और कुछ हाइब्रिड धान किस्मों की खेती, बिक्री और भंडारण पर रोक लगाई है. किसानों को PR 126 या मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
किसानों से अपील की गई है कि वे पुसा-44 और कुछ हाइब्रिड किस्मों की खेती से बचें, क्योंकि इनसे मिट्टी की सेहत पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है. साथ ही, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की भी सलाह दी गई है.
यह प्रयोग भविष्य में अंतरिक्ष में खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. सोचिए, अगर कभी इंसान मंगल या चांद पर बसेगा, तो वहां खाने के लिए अनाज और सब्जियां उगानी ही होंगी. ऐसे में ये बीज उस सपने की पहली सीढ़ी हैं.
अरहर की किस्म टी एस- 3 आर के बीज का 5 किग्रा का पैकेट बाजार में 1020 रुपये में उपलब्ध है, वहीं बीज निगम यही पैकेट मात्र 844 रुपये में उलपब्ध करा रहा है.
डीएपी और यूरिया में मिलावट की पहचान करना मुश्किल नहीं है, कुछ आसान घरेलू तरीकों से असली-नकली खाद की जांच करें और नुकसान से बचें.