कर्नाटक और मध्य प्रदेश के किसानों के लिए इस बार की मानसूनी बारिश उम्मीद लेकर तो आई, लेकिन खाद की भारी कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. खेतों में बुवाई का समय है, लेकिन खाद न मिलने से किसान हताश हैं. कोप्पल और कलबुरगी जैसे जिलों में किसान घंटों लाइन में खड़े हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल में प्रशासन कालाबाजारी रोकने में जुटा है. यह संकट न केवल खेती को प्रभावित कर रहा है, बल्कि राजनीतिक हलचल भी तेज कर रहा है.
कलबुरगी में खाद और बीज की किल्लत, कालाबाजारी शुरू
कलबुरगी जिले में भी खाद और बीज की गंभीर कमी सामने आई है. स्थानीय किसानों का कहना है कि न सिर्फ खाद और बीज की सप्लाई कम है, बल्कि जो थोड़ा-बहुत उपलब्ध है, वह भी दोगुने दामों पर बेचा जा रहा है. इससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है. कई सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं पर कालाबाजारी के आरोप भी लग रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. किसान संगठन इसे सरकार की लापरवाही करार दे रहे हैं और जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं.
राजनीति गरमाई, भाजपा का राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान
खाद की कमी को लेकर राज्य की राजनीति भी गरमा गई है. विपक्षी भाजपा ने इस संकट पर राज्य सरकार को घेरते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. साथ ही भाजपा के प्रदेश महासचिव पी. राजीव ने सरकार पर यूरिया और अन्य उर्वरकों की आपूर्ति में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो यह संकट और गंभीर हो सकता है. किसानों की मांग है कि सरकार तुरंत खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि बुवाई का सीजन खराब न हो.
कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने सख्त निर्देश दिए हैं. सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई समय सीमा की बैठक में उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा खाद का भंडारण कर कृत्रिम संकट पैदा करने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा. ऐसे किसानों और व्यापारियों के लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे.
कलेक्टर ने कृषि विभाग को खाद वितरण की सतत निगरानी करने और ब्लॉक स्तर पर नियमित जांच के निर्देश दिए. उप संचालक कृषि आनंद कुमार बड़ोनिया ने बताया कि जिले को आवश्यकता अनुसार खाद की रैक मिल रही हैं. बैठक में कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई की शिकायतों के त्वरित समाधान पर भी जोर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.