हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में किसानों को अब ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलें उगाने पर ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा. सरकार ने इस योजना के तहत धान की जगह मक्का, कपास, खरीफ दालें, चारा, सब्जियां और एग्रोफॉरेस्ट्री जैसी कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ा दी है. यह योजना गिरते भूजल स्तर को बचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. सरकार का मानना है कि अगर किसान धान की जगह ऐसी फसलें अपनाएं जो कम पानी मांगती हैं, तो भूजल स्तर में सुधार हो सकता है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को इस योजना से जोड़ने के लिए सरकार ने इस साल की शुरुआत में प्रोत्साहन राशि को 7,000 प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया था. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत नए लक्ष्य अगले हफ्ते जारी किए जा सकते हैं, जिन्हें मई में ही जारी किया जाना था.
किसान इस योजना में बढ़चढ़ कर भाग लेंगे
अंबाला के उपनिदेशक कृषि, डॉ. जसविंदर सैनी ने कहा कि ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के लक्ष्य जल्द जारी किए जाएंगे. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस सीजन से प्रोत्साहन राशि 7,000 से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान इस योजना में बढ़चढ़ कर भाग लेंगे. डॉ. सैनी ने यह भी कहा कि एग्रोफॉरेस्ट्री (कृषि वानिकी) में किसानों की रुचि धीरे-धीरे बढ़ रही है और जिले में इस योजना को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की संभावना है.
15,000 एकड़ क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य
डॉ. जसविंदर सैनी ने कहा कि पिछले सीजन के डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) और MPMV योजनाओं की प्रोत्साहन राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई है. फिलहाल DSR के तहत बुआई जारी है. यदि मौसम अनुकूल रहा, तो इस बार जिले में DSR के तहत 15,000 एकड़ क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य है.
जल्द जारी होगा योजना का लक्ष्य
वहीं, कुरुक्षेत्र के उपनिदेशक कृषि, डॉ. करमचंद ने कहा कि विभाग लगातार किसानों को फसल विविधिकरण (crop diversification) अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसके लिए किसानों से संपर्क बनाए रखा जा रहा है और योजना के लक्ष्य भी जल्द जारी होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रोत्साहन राशि बढ़ा दी है, इसलिए किसान धान की जगह वैकल्पिक फसलें अपनाकर इस योजना का लाभ जरूर उठाएं.