महंगाई पर लगा ब्रेक, वेज और नॉन-वेज थाली की कीमत में 6 फीसदी की गिरावट..जानें वजह

मई 2025 में थाली की लागत में गिरावट दर्ज की गई. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, वेज और नॉन-वेज थाली की कीमत में सालाना आधार पर 6 फीसदी की कमी आई, जबकि नॉन-वेज थाली महीने-दर-महीने 2 फीसदी सस्ती हुई.

नोएडा | Published: 7 Jun, 2025 | 12:29 PM

मई महीने में खाद्य महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई हैं. क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने घर पर बनने वाली वेज और नॉन-वेज थाली की लागत में 6 फीसदी की गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य वजह टमाटर, आलू, प्याज जैसे सब्जियों की कीमतों में कमी आना है. हालांकि, बीते महीनों से तुलना करें, तो वेज थाली की कीमत लगभग स्थिर रही, जबकि नॉन-वेज थाली 2 फीसदी सस्ती हुई.

रिपोर्ट के अनुसार, मई में टमाटर की कीमत 29 फीसदी गिरकर 33 से 23 रुपये प्रति किलो हो गई. वहीं, प्याज और आलू की कीमतों में भी क्रमश: 15 फीसदी और 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, पिछले साल आलू और प्याज की कीमतें इस अवधि में काफी ज्यादा थीं. तब कहा जा रहा था कि पश्चिम बंगाल में बेमौसम बारिश और ब्लाइट जैसी कीटों के हमले से फसल को बहुत नुकसान पहुंचा था, जिससे उत्पादन में गिरावट आने से कीमतें बढ़ गईं. इसी तरह पिछले साल किसानों ने कम रकबे में प्याज की खेती, इससे यह महंगा हो गया था.

नॉन-वेज थाली इतनी फीसदी सस्ती हुई

क्रिसिल के इस डेटा में ये भी कहा गया है कि थाली की लागत में बदलाव जिन चीजों की वजह से हो रहा है उसमें अनाज, दालें, सब्जियां, चिकन (ब्रॉयलर), मसाले, तेल और गैस को भी शामिल किया गया है. क्रिसिल इंटेलिजेंस के रिसर्च डायरेक्टर पुषन शर्मा ने कहा कि मई 2025 में वेज और नॉन-वेज थाली की कीमतों में हल्का अंतर देखने को मिला. वेज थाली की लागत स्थिर रही, जबकि नॉन-वेज थाली 2 फीसदी सस्ती हुई. हालांकि, टमाटर और आलू थोड़े महंगे हुए, लेकिन प्याज सस्ता होने से वेज थाली की कीमत पर ज्यादा असर नहीं पड़ा.

गेहूं और दालों की कीमतों में थोड़ी नरमी

उन्होंने कहा कि नॉन-वेज थाली की कीमत में कमी की मुख्य वजह ब्रॉयलर (चिकन) की कीमतों में 4 फीसदी की गिरावट रही. आगे के अनुमान पर शर्मा ने कहा कि मौसमी बदलाव की वजह से सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं, जबकि अच्छी घरेलू पैदावार के कारण गेहूं और दालों की कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है.