राजस्थान के अलवर जिले का एक किसान चर्चा का विषय बना हुआ है. इस किसान ने काले गेहूं की खेती कर मोटा मुनाफा कमाया है. अब यह किसान क्षेत्र के अन्य किसानों को काले गेहूं की खेती के लिए जागरूक कर रहा है. हालांकि, अमूमन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कोई व्यक्ति दो विपरीत श्रेणियों के काम करे और दोनों में सफल हो. लेकिन अलवर की कठूमर तहसील के सौंखरी गांव के रिटायर्ड प्रिंसिपल शिवप्रसाद ने यह कारनामा कर दिखाया.
रिटायर्ड प्रिंसिपल शिवप्रसाद ने शिक्षा के क्षेत्र में देश के भविष्य को संवारा और अब खेती में अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे है. इतना ही नहीं शिवप्रसाद काले गेहूं की खेती को लेकर अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रहे है. आज कठूमर क्षेत्र के अन्य किसान इनसे काले गेहूं की खेती के बारे में जानकारी लेने के लिए आते हैं. शिवप्रसाद ने किसान इंडिया से बातचीत में बताया कि 2017 तक स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर अपनी सेवाएं दी और अब वह खेती बाड़ी करते हैं.
सोशल मीडिया से मिली जानकारी
शिवप्रसाद ने बताया कि उन्हें इंटरनेट के माध्यम से काले गेहूं के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद बाजार में काले गेहूं को ढूंढना शुरू किया. लेकिन जब बाजार में काले गेहूं का बीज नहीं मिला. तभी शिवप्रसाद को सोशल मीडिया से पता चला कि पंजाब में उन्हें काले गेहूं के बीज मिल जाएंगे. इसके बाद उन्होंने पंजाब से गेहूं का बीज मंगवाकर करीब 2 बीघे जमीन पर इसकी बुवाई की. उन्होंने बताया कि सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं की उपज कम होती है, लेकिन बाजार में इसका रेट सामान्य गेहूं की तुलना में काफी अधिक है. काले गेहूं की खेती की सफलता को देखते हुए किसान उनसे इसके बारे में जानकारी लेते हैं.
ज्यादा से ज्यादा किसान करें काले गेहूं की खेती
शिवप्रसाद ने बताया कि जो भी किसान उनके पास काले गेहूं की जानकारी लेने के लिए आते है, उन्हें यह समझाइश की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा काले गेहूं की खेती करें. आज के समय में यह गेहूं आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता और बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानकारी है. हालांकि अभी कम किसान ही काले गेहूं की खेती कर रहे हैं, जिससे इसकी उपज बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है. इसके लिए वो किसानों को काले गेहूं की खेती के लिए प्रेरित कर रहे है.
कई रोगों के लिए फायदेमंद है काला गेहूं
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि भारत में काले गेहूं की खेती मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ जिलों में ही की जाती है. अलवर में भी कुछ किसानों द्वारा इसकी खेती की शुरुआत की गई. हालांकि सामान्य गेहूं की तुलना में इसकी उपज कम होती है लेकिन भाव पांच गुने तक मिलते हैं.
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है काला गेहूं
अलवर सीएमएचओ योगेंद्र शर्मा ने बताया कि काले गेहूं में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं. सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं में 60 प्रतिशत से ज्यादा आयरन होता है. काला गेहूं मोटापे को कम करने, हाई बीपी, डायबिटीज, खून की कमी और कब्ज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है.