महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से प्याज की फसल की बहुत अधिक बर्बादी हुई है. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है. कई किसान तो लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र प्याज किसान संघ (MOGA) ने राज्य सरकार से हाल ही में भारी बारिश से प्रभावित प्याज किसानों को तुरंत आर्थिक मदद देने की मांग की है. MOGA का कहना है कि किसानों को आर्थिक नुकसान से उबारने के लिए सरकार को हर संभव मदद करनी चाहिए. नहीं तो किसान प्याज की खेती से धीरे-धीरे दूरी बना लेंगे.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, MOGA के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा कि लगातार बारिश की वजह से हजारों एकड़ प्याज की फसल सड़ गई है. खास कर नासिक, अहिल्यनगर, जलगांव, धुले, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, सोलापुर, बीड और सांगली जैसे मुख्य प्याज उत्पादन वाले जिलों में भारी नुकसान हुआ है. लगातार बारिश की वजह से किसान अपनी फसल काट नहीं पा रहे हैं.
प्रति क्विंटल 2,000 रुपये का अनुदान भी दिया जाए
भारत दिघोले ने कहा कि ने कहा कि कई किसानों की कटी हुई प्याज जो खेतों में रखी गई थी, वह भी बारिश की वजह से खराब हो गई है. इसलिए, राज्य सरकार को चाहिए कि वह प्याज की फसल को हुए नुकसान के लिए किसानों को प्रति एकड़ 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे. साथ ही दिघोले ने कहा कि जिन किसानों ने सस्ते दामों पर अपनी प्याज बेची है, क्योंकि थोक कीमतें सरकारी गलत नीतियों की वजह से गिर गई हैं, उन्हें प्रति क्विंटल 2,000 रुपये का अनुदान भी दिया जाना चाहिए.
3 लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा
संघ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दो उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार को अपने ये मांगपत्र भेजे हैं. दिघोले ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही मूल्य स्थिरता निधि के तहत 3 लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा कर चुकी है, ताकि नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए प्याज का बफर स्टॉक बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ये दोनों केंद्रीय एजेंसियां सीधे किसानों से कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) में प्याज की खरीद करें और किसानों को प्रति क्विंटल 3,000 रुपये का भाव दिया जाए.