इस बार अनाज रखने के लिए कम पड़ जाएंगे गोदाम, पैदावार 12 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद

उत्तर प्रदेश सरकार खरीफ सीजन 2025 में 290 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य लेकर किसानों की आमदनी बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही है. प्राकृतिक खेती, फार्म तालाब, उन्नत बीज-खाद वितरण और UP AGREES योजना जैसी पहलें राज्य को कृषि में अग्रणी बना रही हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 16 May, 2025 | 12:26 PM

उत्तर प्रदेश में इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद है. क्योंकि राज्य सरकार ने खरीफ सीजन 2025 में फसल उत्पादन को 12 फीसदी बढ़ाकर 290 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. यह प्रयास किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा मजबूत करने के लिए किया जा रहा है. इस बार खरीफ की बुवाई का रकबा भी बढ़ेगा. पिछले साल यह 103.8 लाख हेक्टेयर था, जो इस बार जून से शुरू होने वाले सीजन में बढ़कर 106 लाख हेक्टेयर से अधिक होने की उम्मीद है. मुख्य खरीफ फसलों में धान, मक्का, तिलहन, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तेलहन और मक्का जैसी नकदी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर खास ध्यान दे रही है. सरकार बेहतर फसल क्षेत्र और उपज सुनिश्चित करने के लिए किसानों को उन्नत फसल योजना, मक्का, तेलहन और धान को प्रोत्साहित करने और जल संरक्षण के लिए 8,500 फार्म तालाब बनाने में सहयोग देगी. फार्म तालाब छोटे जलाशय होते हैं, जो बारिश का पानी जमा करके सिंचाई, पशुपालन और मत्स्य पालन में मदद करते हैं.

फसल उत्पादन में बंपर बढ़ोतरी

अधिकारी ने कहा कि हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, जिसका श्रेय किसान हितैषी नीतियों और कृषि तकनीक में प्रगति को जाता है. राज्य का कुल फसल उत्पादन (खरीफ, रबी और जायद मिलाकर) 2016-17 के 557 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 669 लाख टन हो गया है. खाद्यान्न उत्पादकता भी 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 31 क्विंटल हो गई है.

तेलहन उत्पादन 12.4 लाख टन

2016-17 में जहां तेलहन उत्पादन 12.4 लाख टन था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 28.3 लाख टन हो गया है, यानी इसमें 128 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2024 में उत्तर प्रदेश ने 400 लाख टन फल और सब्जियां पैदा करके पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया. ऐसे भी सस्टेनेबल खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 49 जिलों में 85,710 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती अपनाई जा रही है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 23,500 हेक्टेयर में गाय आधारित प्राकृतिक खेती की जा रही है.

6.6 लाख टन बांटे गए बीज

2024-25 में किसानों को 6.6 लाख टन उन्नत बीज और 95 लाख टन खाद मुफ्त या रियायती दरों पर बांटे गए. राज्य की एक प्रमुख कृषि योजना ‘UP AGREES’, जो वर्ल्ड बैंक के सहयोग से चलाई जा रही है, पूर्वांचल के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों में किसानों को सहायता दे रही है. भारत में खरीफ फसलें बरसात के मौसम (जून-जुलाई) में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती हैं. रबी फसलें ठंड में और जायद फसलें रबी और खरीफ के बीच की छोटी अवधि में उगाई जाती हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 16 May, 2025 | 12:22 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%