तेल निकालने की मशीन पर सरकार दे रही है 9.90 लाख तक अनुदान, जल्द करें आवेदन

राज्य सरकार ने एफपीओ और सहकारी समितियों को 10 टन ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट पर 33 फीसदी या अधिकतम 9.90 लाख रुपये अनुदान देने की योजना शुरू की है. आवेदन 31 अगस्त 2025 तक कृषि विभाग के पोर्टल पर किया जा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 18 Aug, 2025 | 06:00 AM

प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) और सहकारी समितियों को 10 टन की क्षमता वाली ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना पर 33 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा. सरकार का यह प्रयास न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि तिलहन फसलों से जुड़ी मूल्यवर्धित गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा.

यह योजना ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स (ऑयल सीड्स)’ के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसके तहत आवेदन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हो चुकी है और 31 अगस्त 2025 तक जारी रहेगी. इच्छुक एफपीओ और सहकारी समितियों को कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होगा.

10 टन ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट पर मिलेगा 9.90 लाख तक अनुदान

योजना के तहत एफपीओ या सहकारी समितियों को परियोजना लागत का 33 प्रतिशत या अधिकतम 9.90 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इससे तिलहन फसलों की कटाई के बाद संग्रह, तेल निष्कर्षण (एक्सट्रैक्शन) और पुनः प्राप्ति (रिकवरी) में दक्षता बढ़ेगी. कृषि विभाग का मानना है कि इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

आवेदन के लिए जरूरी शर्तें

अपर कृषि निदेशक (तिलहन-दलहन) अनिल कुमार पाठक ने बताया कि योजना का लाभ केवल उन्हीं एफपीओ या सहकारी समितियों को मिलेगा जो कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत हों. इसके अलावा कुछ अन्य शर्तें भी निर्धारित की गई हैं.

  • कम से कम तीन वर्षों का कार्य अनुभव.
  • न्यूनतम 200 किसान सदस्यों की भागीदारी.
  • आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता या दक्षता.
  • कटाई के बाद मूल्यवर्धन से जुड़ी गतिविधियों की योजना.
  • इन शर्तों का पालन करने वाली संस्थाएं ही अनुदान प्राप्त करने की पात्र होंगी.

योजना से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

राज्य सरकार के इस प्रयास से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा. साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर प्रसंस्करण यूनिट स्थापित होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न होगा. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस पहल मानी जा रही है.

एफपीओ और सहकारी समितियों को चाहिए कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपनी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करते हुए गांवों में तेल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करें. यह न केवल संस्थाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा, बल्कि संपूर्ण कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा भी देगा.

कहां और कैसे करें आवेदन?

राज्य सरकार द्वारा आवेदन के लिए दो ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं-

इन पोर्टलों पर जाकर एफपीओ या सहकारी समितियां अपने दस्तावेज अपलोड कर सकती हैं और निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकती हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है, इसलिए इच्छुक संस्थाएं समय रहते आवेदन कर लें.

 

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Published: 18 Aug, 2025 | 06:00 AM

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