भारत से 9 लाख टन चावल खरीदेगा बांग्लादेश, क्या बढ़ेगा किसानों और व्यापारियों का मुनाफा?

इस योजना से भारतीय चावल मिलर्स और व्यापारी खासे उत्साहित हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस आयात से न केवल भारत के चावल की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ेगी, बल्कि 'स्वर्णा', 'मिनिकेत', 'रत्ना' जैसी प्रमुख किस्मों की कीमतों में भी सुधार आएगा.

नई दिल्ली | Updated On: 21 Jul, 2025 | 09:59 AM

बांग्लादेश ने भारी बारिश और संभावित बाढ़ से निपटने के लिए 9 लाख टन चावल आयात करने की योजना बनाई है, और इसका सबसे बड़ा लाभ भारत को मिलने जा रहा है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और बांग्लादेश का नजदीकी पड़ोसी भी. ऐसे में इस योजना से भारतीय चावल मिलर्स और व्यापारी खासे उत्साहित हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस आयात से न केवल भारत के चावल की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ेगी, बल्कि ‘स्वर्णा’, ‘मिनिकेत’, ‘रत्ना’ जैसी प्रमुख किस्मों की कीमतों में भी सुधार आएगा. दुनिया के कुल चावल निर्यात में भारत की अकेले हिस्सेदारी 46 फीसदी है.

भारत को होगा फायदा

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, बांग्लादेश की तरफ से आयात की इस योजना के चलते भारत को प्रमुख रूप से फायदा पहुंचेगा क्योंकि नजदीकी, पर्याप्त उपलब्धता और प्रतिस्पर्धी कीमतें इसे बांग्लादेश के लिए प्राथमिक विकल्प बनाती हैं.

बताया गया है कि बांग्लादेश सरकार कुल 9 लाख टन चावल में से 4 लाख टन चावल अंतरराष्ट्रीय टेंडर्स के जरिए सीधे खरीद करेगी, जबकि बाकी 5 लाख टन निजी व्यापारी आयात करेंगे. यह फैसला सामान्य समय से पहले लिया गया है क्योंकि भारी बारिश के कारण बांग्लादेश में आमन धान की फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा है.

किन राज्यों को फायदा

पश्चिम बंगाल के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार के चावल मिलों और व्यापारियों को इस योजना से अधिक फायदा होगा. बंगाल के 30-40 फीसदी निजी आयात इसी योजना के तहत हो सकते हैं. लोकप्रिय भारतीय चावल किस्में जैसे स्वर्णा, रत्ना, मिनिकेत और सोना मसूरी की कीमतों में इजाफे की उम्मीद है.

आमतौर पर 29 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला ‘स्वर्णा मसूरी’ पारबॉयल्ड चावल 31-32 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकता है, जबकि ‘मिनिकेत’ की कीमत 41-42 रुपये से बढ़कर 45 रुपये तक जा सकती है.

बांग्लादेश की यह आयात योजना इस बात का संकेत है कि वे आमन सीजन के दौरान संभावित बाढ़ से पहले एहतियाती कदम उठा रहे हैं. बांग्लादेश ने बोरों धान और चावल की अब तक लगभग 13 लाख टन से अधिक खरीद कर ली है और यह प्रक्रिया अगस्त के मध्य तक पूरी हो जाएगी.

घरेलू बाजार को मिलेगी राहत

यह फैसला भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, जिससे उसकी भूमिका बांग्लादेश की प्रमुख चावल आपूर्ति करने वाली देश के रूप में मजबूत होगी और घरेलू बाजार में मध्यम स्तर के चावल की कीमतें भी स्थिर होंगी. विजाग और परादीप ऐसे प्रमुख बंदरगाह हैं जहां से चावल निर्यात होता है. निर्यातकों का मानना है कि बांग्लादेश की नई योजना से भारतीय चावल उद्योग को मजबूती मिलेगी और मांग के कारण कीमतों में सुधार आएगा.

Published: 21 Jul, 2025 | 09:30 AM