उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकारी एजेंसियां सख्त निगरानी बनाए हुए हैं. गाजियाबाद जिले में पशु चिकित्सा विभाग ने 30 से अधिक छोटे-बड़े मुर्गी फार्मों से 256 सैंपल लेकर उनकी जांच के लिए लैब भेजा है. फिलहाल इन जांचों में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है. हालांकि अधिकारियों ने अलर्ट जारी करते हुए फार्म संचालकों को सैनिटाइजेशन और वैक्सीनेशन को लेकर कड़ी सावधानियां जारी की हैं. अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
सरकारी एजेंसियां सख्त निगरानी पर
गाजियाबाद के जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीएस पांडेय ने बताया कि हर फार्म से कम से कम दस सैंपल लिए गए हैं, जो जांच के लिए भेजे गए हैं. अभी तक किसी फार्म में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए तहसील और ब्लॉक स्तर पर 24 घंटे कार्यरत ड्यूटी टीमों का गठन किया गया है, जो फार्मों और चिड़ियाघरों पर सतत नजर रखे हुए हैं. साथ ही जिले के अस्पतालों में आवश्यक बेड रिजर्व किए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत इलाज मुहैया कराया जा सके.
गोरखपुर और कानपुर चिड़ियाघर बंद
इसके पहले गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघिन ‘शक्ति’ की बर्ड फ्लू से मौत और कानपुर में शेर ‘पटौदी’ की मृत्यु के बाद दोनों चिड़ियाघरों को एहतियातन बंद कर दिया गया था. इससे पशुपालकों और पोल्ट्री इंडस्ट्री में डर और सतर्कता दोनों बढ़ गई है. वहीं मेरठ जिले में भी पोल्ट्री फार्मों का व्यापक सैनिटाइजेशन किया गया है और चिड़ियाघरों के कर्मचारियों के सैंपल भी जांच के लिए लिए गए हैं.
फार्म संचालकों को कड़ी हिदायत
सरकारी अधिकारियों ने फार्म संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे वाहनों, अंडे, मुर्गी और चूजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय विशेष सावधानी बरतें और संक्रमण को फैलने से रोकें. साथ ही मुर्गियों का नियमित वैक्सीनेशन भी सुनिश्चित करें.
संक्रमण रोकने में लगी सरकार
पशु चिकित्सा विभाग ने बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया है, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. विभाग ने मुर्गी फार्म संचालकों से भी अपील की है कि वे साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और स्वच्छता के कड़े नियमों का पालन सुनिश्चित करें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.