भारत में रबी से लेकर खरीफ तक, हर सीजन में फॉस्फेट आधारित उर्वरकों की अहम भूमिका रहती है. DAP और अन्य फॉस्फेटिक खादों पर किसानों की निर्भरता इतनी अधिक है कि इनके आयात में जरा-सी कमी भी उत्पादन और उपज पर असर डाल सकती है. ऐसे समय में मोरक्को की विश्व-प्रसिद्ध कंपनी OCP ने भारत को फॉस्फेटिक उर्वरकों की सप्लाई बढ़ाने का जो भरोसा दिया है, वह किसानों और सरकार दोनों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
कंपनी का अनुमान है कि वर्ष 2025 में भारत को फॉस्फोरस आधारित उर्वरकों (DAP व रॉक फॉस्फेट सहित) का निर्यात करीब 40 फीसदी बढ़कर 2.5 मिलियन टन से ज्यादा हो जाएगा. यह सप्लाई 2026 में भी इसी स्तर पर रहने की उम्मीद है. यह कदम भारत की खाद उपलब्धता को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
भारत और OCP की साझेदारी
मोरक्को की OCP कंपनी दुनिया के फॉस्फेट भंडार का लगभग 70 फीसदी हिस्सा रखती है. पिछले 40 सालों से यह भारत के सबसे विश्वसनीय सप्लायर्स में शामिल रही है. भारत में खाद की बढ़ती जरूरत के बीच, OCP का कहना है कि वह आने वाले वर्षों में भी भारतीय किसानों को निरंतर सपोर्ट देती रहेगी.
कंपनी इस समय केवल कच्चा रॉक फॉस्फेट बेचने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह कस्टमाइज्ड फर्टिलाइजर बनाने पर ज्यादा जोर दे रही है यानि मिट्टी, फसल और क्षेत्र के अनुरूप विशेष पौष्टिक मिश्रण तैयार करना.
फर्टिलाइजर सेक्टर में बड़ा बदलाव
पारंपरिक खादों में हर तरह की मिट्टी और फसल के लिए एक जैसा पोषण दिया जाता है, लेकिन यह तरीका कई बार बेअसर साबित होता है. OCP का कहना है कि खेती का भविष्य कस्टमाइज्ड फर्टिलाइजेशन में है. जहां, हर फसल को उसकी जरूरत के अनुसार फॉस्फोरस, कैल्शियम और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलते हैं, मिट्टी की संरचना सुधरती है, अतिरिक्त खाद के उपयोग से बचाव होता है और पर्यावरण पर कम दुष्प्रभाव पड़ता है.
इसी दिशा में कंपनी अफ्रीका में कई सफल प्रोजेक्ट चला चुकी है, और अब भारत, खासकर कर्नाटक व राजस्थान में किसानों के साथ मिलकर वैज्ञानिक मिट्टी पोषण मॉडल विकसित कर रही है.
कई प्रोजेक्ट में यह भी साबित हुआ है कि मिट्टी को वैज्ञानिक तरीके से संतुलित पोषण देने पर पैदावार बढ़ती है और खेतों की सहनशीलता भी मजबूत होती है.
भारतीय बाजार के लिए TSP एक नया विकल्प
OCP अब भारतीय किसानों के बीच TSP (ट्रिपल सुपर फॉस्फेट) को बढ़ावा दे रही है, जिसमें 46 फीसदी फॉस्फोरस और 15 फीसदी कैल्शियम मौजूद होता है. यह DAP का एक प्रभावी विकल्प माना जा रहा है, क्योंकि यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है और पोषण का अधिक संतुलित उपयोग सुनिश्चित करता है.
कंपनी का दावा है कि TSP के उपयोग से फसल की जड़ें तेजी से बढ़ती हैं और फसल की गुणवत्ता सुधरती है. खासकर दालों और तिलहनों में, जिन्हें भारत आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहा है.
भारत में OCP की जड़ें और गहरी
OCP केवल निर्यातक नहीं, बल्कि भारतीय खाद उद्योग में निवेशक भी है. कंपनी की 28 फीसदी हिस्सेदारी परादीप फॉस्फेट्स में है. इसके साथ ही चंबल फर्टिलाइजर्स के साथ फॉस्फोरिक एसिड उत्पादन का संयुक्त प्रोजेक्ट संचालित है.
देश की बड़ी कंपनियां—IPL, HURL, RCF, NFL और FACT—OCP से दीर्घकालिक सप्लाई करार में हैं. इससे भारत के फर्टिलाइजर सप्लाई सिस्टम को स्थिरता और भरोसेमंदी मिलती है.
भारत के किसानों के लिए इसका सीधा फायदा
मोरक्को से फॉस्फेटिक उर्वरकों की बढ़ी सप्लाई का मतलब है—
- DAP जैसी खादों की कमी नहीं होगी
- कीमतों में उतार-चढ़ाव कम रहेगा
- खेती के सीजन में समय पर खाद पहुंचेगी
- फसल उत्पादन पर खतरा कम होगा
- किसानों के खर्च पर नियंत्रण रहेगा
भारत में खाद की बढ़ती मांग और लगातार बदलते मौसम के दौर में यह साझेदारी खेतों को सुरक्षित रखने में अहम योगदान देगी.