बकरियों के साथ मुर्गी पालन करें, खर्च घटाएं और एक साथ दो गुना कमाई पाएं

बकरी और मुर्गी पालन को एक साथ करने से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है. बकरी का बचा चारा मुर्गियां खा लेती हैं और मेंगनी से कम्पोस्ट खाद बनाकर चारा उगाया जा सकता है.

नोएडा | Published: 22 Aug, 2025 | 10:20 PM

कल्पना कीजिए कि आपकी बकरी एक तरफ दूध और खाद दे रही है, वहीं उसकी मेंगनी से बना खाद खेत में काम आ रहा है और उसी खेत के एक कोने में मुर्गियां खुशी-खुशी अंडे दे रही हैं. खर्च कम, कमाई ज्यादा और मेहनत भी ज्यादा नहीं. अगर आप किसान हैं या पशुपालन से जुड़ने की सोच रहे हैं, तो बकरी और मुर्गी पालन को साथ-साथ करने का यह तरीका आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. यह तरीका आज कई किसानों की आमदनी को दोगुना कर रहा है.

बकरी और मुर्गी पालन साथ करने से क्या फायदा?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक रूप से किसान अलग-अलग पशुओं का पालन करते हैं, जैसे कि गाय, भैंस, बकरी या मुर्गी. लेकिन जब बकरी और मुर्गी को एक साथ पाला जाए, तो न सिर्फ मेहनत कम होती है, बल्कि खर्च भी घट जाता है. बकरियों का बचा हुआ चारा मुर्गियां खा जाती हैं, जिससे उनके लिए अलग से दाना डालने की जरूरत कम हो जाती है. इससे मुर्गियों की दाने की लागत 30-40 ग्राम प्रति मुर्गी रोज कम हो जाती है. और जब यह संख्या 50-100 मुर्गियों तक पहुंचती है, तो महीने के हिसाब से बड़ी बचत होती है.

शेड बनाएं इस तरह- दोनों के लिए एक ही घर

बकरी और मुर्गी पालन के लिए सबसे जरूरी होता है सही शेड. इस शेड को दो हिस्सों में बांटना चाहिए. बीच में लोहे की जाली लगाकर एक छोटा गेट बनाएं. जब बकरियां बाहर चरने जाएं या शेड की सफाई हो रही हो, उस समय गेट खोल दें ताकि मुर्गियां अंदर आकर बकरियों का बचा चारा खा सकें. इससे न केवल शेड की सफाई में मदद मिलती है, बल्कि मुर्गियों को खाना भी मिल जाता है- वो भी बिना किसी अतिरिक्त लागत के.

बकरी की मेंगनी से तैयार होगा कम्पोस्ट खाद

बकरियों की मेंगनी एक बेहतरीन जैविक खाद (कम्पोस्ट) बनाने का स्रोत होती है. यदि आप एक एकड़ क्षेत्रफल में बकरी और मुर्गी पालन करते हैं, तो इस मेंगनी से ऑर्गेनिक खाद बना सकते हैं. इस खाद का उपयोग आप बकरियों के लिए चारा उगाने में कर सकते हैं. जैसे- बरसीम, गूलर, जामुन, नीम आदि. इसके अलावा, इसी खाद की मदद से प्रोटीन युक्त अजोला भी उगाया जा सकता है, जो मुर्गियों और बकरियों दोनों के लिए पोषक आहार है.

मुर्गियों का उत्पादन- अंडे और मांस से अतिरिक्त कमाई

एक मुर्गी सालभर में 180–200 अंडे तक दे सकती है. अगर आप 50 से 100 मुर्गियां पालते हैं, तो रोज़ाना अंडों से अच्छी कमाई हो सकती है. इसके अलावा, कुछ समय बाद मुर्गियां मांस के लिए भी तैयार हो जाती हैं. मतलब- बकरी से दूध, खाद और बच्चे मिलते हैं और मुर्गी से अंडे व मांस. दोनों के साथ अगर स्मार्ट प्लानिंग की जाए, तो किसान महीने में 20–25 हजार रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं.

Published: 22 Aug, 2025 | 10:20 PM