राजस्थान सरकार ने कर्ज में डूबे किसानों और लघु उद्यमियों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. सहकारिता विभाग की ओर से ‘एकमुश्त समझौता योजना 2025-26’ शुरू की गई है, जिसके तहत 30 जून 2025 तक यदि किसान अपने मूल ऋण का सिर्फ 25 फीसदी हिस्सा चुका देते हैं तो शेष मूलधन पर लगने वाला पूरा ब्याज, दंड और वसूली खर्च माफ कर दिया जाएगा. यह योजना राज्य की 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से लागू की जा रही है और इससे 30 हजार से अधिक पात्र ऋणी किसानों और छोटे उद्यमियों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
ब्याज और पेनल्टी हो जाएगी माफ
योजना का सीधा-सा फॉर्मूला है, किसान को उसके मूल ऋण की केवल 25 फीसदी राशि 30 जून, 2025 तक जमा करानी है. बाकी बचा हुआ मूलधन 30 सितंबर, 2025 तक जमा करने की छूट दी जाएगी. खास बात ये है कि मूलधन भरने पर उस पर लगने वाला समस्त ब्याज, दंडनीय ब्याज और वसूली खर्च पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा. यानी किसानों को राहत मिलेगी लाखों के दबाव से. योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है, जो समस्त ब्याज और वसूली खर्च वहन करेगा.
मृतक किसानों के वारिस भी उठा सकेंगे लाभ
राज्य सरकार ने योजना को समावेशी बनाने की कोशिश की है. जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है, उनके वैधानिक वारिस भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. इसके अलावा जिन जमीनों की नीलामी हुई और कोई खरीदार नहीं मिला, वो भूमि बैंक ने अपने पास रख ली थी, अब इस योजना के तहत वो जमीनें भी किसानों को वापस लौटाई जाएंगी. यानी न सिर्फ कर्ज से मुक्ति, बल्कि खोई हुई जमीन भी फिर से पाने का मौका मिलेगा.
कहां और कैसे करें आवेदन
जो किसान या उद्यमी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें अपने संबंधित प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक की शाखा से संपर्क करना होगा. योजना से जुड़ी तमाम जानकारी और आवेदन प्रक्रिया बैंक शाखाओं में उपलब्ध है. सरकार का यह कदम न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने वाला है, बल्कि सहकारी संस्थाओं में विश्वास भी बढ़ाने वाला है. कर्ज में डूबे किसानों के लिए यह किसी राहत पैकेज से कम नहीं.