Wheat Production: गेहूं उत्पादन में यूपी के बाद कौन सा राज्य बना नया चैंपियन? देखिए पूरी लिस्ट

Highest Wheat Produce State in India: भारतीय की थाली में गेहूं की रोटी का स्वाद हर रसोई की पहचान है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेहूं का सबसे बड़ा हिस्सा किस राज्य से आता है? यहां पर टॉप गेहूं उत्पाद राज्यों की जानकारी दी जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Oct, 2025 | 01:27 PM

Wheat Farming : भारत का हर किसान जानता है कि गेहूं देश की रसोई की जान है. सुबह की गरमागरम रोटियों से लेकर पराठों तक, हर थाली में गेहूं की खुशबू बसती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देश के किस राज्य से सबसे ज्यादा गेहूं आता है? जवाब है- उत्तर प्रदेश. उपजाऊ जमीन, बेहतर सिंचाई, मेहनती किसान और आधुनिक खेती तकनीकें इसे भारत का गेहूं हब बना देती हैं. आइए जानते हैं क्यों उत्तर प्रदेश को देश का गेहूं का राजा कहा जाता है और कौन से राज्य इसके पीछे हैं.

भारत में गेहूं की अहमियत

भारत दुनिया के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक (Wheat Farming) देशों में से एक है. चावल के बाद गेहूं दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है, जो करोड़ों लोगों का पेट भरती है. यह मुख्य रूप से रबी सीजन (नवंबर से अप्रैल) में उगाई जाती है. उत्तर भारत के राज्यों में इसकी खेती अधिक होती है क्योंकि वहां की मिट्टी और मौसम दोनों गेहूं के लिए बेहद अनुकूल हैं. गेहूं से बनी रोटियां, पूरियां, पराठे, ब्रेड और बिस्किट रोजाना करोड़ों लोगों के आहार का हिस्सा हैं. इसलिए इसका उत्पादन केवल खेती नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है.

उत्तर प्रदेश- भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन  करने वाला राज्य है. 2024 के आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने करीब 35.34 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन किया. देश के कुल उत्पादन में इसका 30 फीसदी से अधिक योगदान है. उत्तर प्रदेश के किसान सदियों से गेहूं की खेती में माहिर हैं. यहां की मिट्टी उपजाऊ, सिंचाई व्यवस्था मजबूत और किसान मेहनती हैं. यही कारण है कि यह राज्य कई वर्षों से देश के गेहूं उत्पादन में शीर्ष पर बना हुआ है.

उत्तर प्रदेश में गेहूं उत्पादन के प्रमुख कारण

उपजाऊ भूमि:- उत्तर प्रदेश सिंधु-गंगा के मैदानों में बसा है, जहां की मिट्टी जलोढ़ और पोषक तत्वों से भरपूर है. यह गेहूं की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

अनुकूल जलवायु:- रबी फसल  के दौरान यहां का तापमान 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो गेहूं के लिए आदर्श है. सर्दियों का ठंडा और सूखा मौसम फसल की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है.

बेहतरीन सिंचाई व्यवस्था:- गंगा, यमुना और घाघरा जैसी नदियों से निकली नहरें, ट्यूबवेल और बोरवेल राज्य में पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं. इससे सूखे में भी फसल सुरक्षित रहती है.

आधुनिक तकनीक:- यहां के किसान ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं. इससे खेती का समय घटता है और उत्पादन बढ़ता है.

अनुभवी किसान:- पीढ़ियों से खेती कर रहे किसान गेहूं की हर किस्म और उसकी जरूरतों को अच्छी तरह जानते हैं. साथ ही, कृषि अनुसंधान संस्थानों से जुड़कर नई तकनीकें भी सीखते रहते हैं.

उत्तर प्रदेश के बाद कौन से राज्य हैं गेहूं उत्पादन में आगे?

भारत के कई राज्य गेहूं की खेती में आगे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के बाद कुछ प्रमुख राज्यों ने भी अपनी जगह बनाई है.

रैंक राज्य उत्पादन (2024) विशेषता
1 उत्तर प्रदेश 35.34 मिलियन टन उपजाऊ मिट्टी, सिंचाई, ठंडा मौसम
2 मध्य प्रदेश 22.58 मिलियन टन तेजी से उभरता उत्पादक राज्य
3 पंजाब 17.74 मिलियन टन उच्च तकनीक व आधुनिक खेती
4 हरियाणा 11.19 मिलियन टन टन उत्कृष्ट सिंचाई और कुशल किसान
5 राजस्थान 9.70 मिलियन टन रेगिस्तानी क्षेत्र में भी आधुनिक सिंचाई से खेती

इन राज्यों की खेती व्यवस्था और आधुनिक उपकरणों के प्रयोग से भारत की कुल उत्पादन क्षमता हर साल बढ़ रही है.

गेहूं का आर्थिक और सामाजिक महत्व

गेहूं भारत की अर्थव्यवस्था और किसानों की जिंदगी का अहम हिस्सा है. यह सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आजीविका का आधार है. देश के उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्य गेहूं उत्पादन में अग्रणी हैं. सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीबों को सस्ता गेहूं उपलब्ध कराती है. इसके साथ ही भारत एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व देशों में गेहूं का बड़ा निर्यातक है, जिससे विदेशी मुद्रा अर्जित होती है. गेहूं न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता और किसानों की आमदनी का भी प्रमुख साधन है.

स्मार्ट खेती और टिकाऊ उत्पादन

भारत में अब स्मार्ट फार्मिंग का दौर शुरू हो चुका है. ड्रोन, सेंसर्स, मिट्टी की जांच और मोबाइल ऐप्स से किसान अब अपनी फसल की निगरानी कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कई जगह किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे कम लागत में अधिक उत्पादन पा सकें. सरकार भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाओं से किसानों को सुरक्षा दे रही है. इससे फसल हानि के जोखिम कम होते हैं और किसानों का आत्मविश्वास बढ़ता है.

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Published: 22 Oct, 2025 | 01:27 PM

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