खेती-किसानी के साथ अब अमेठी जनपद में मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे ना सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि जल स्रोतों का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा. जिला प्रशासन और मछली विभाग की ओर से मछली पालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. अब मछली पालकों को एक साथ नाव, जाल, लाइफ जैकेट जैसी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि वे सुरक्षित और बेहतर तरीके से मछली पालन कर सकें.
पंजीकरण से मिलेगा योजनाओं का लाभ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मछली पालन से जुड़े किसानों के लिए अब माइक्रो इरिगेशन योजना और प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. इसके लिए इच्छुक किसानों को केवल मत्स्य पालन विभाग के पोर्टल (https://www.fisheries.up.gov.in/signup) पर जाकर पंजीकरण करना होगा. पोर्टल खुल चुका है और सभी मछली पालक आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर के साथ आवेदन कर सकते हैं. पंजीकरण के बाद चयनित किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लाभ दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देना और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना है.
सुरक्षा के साथ अब मछली पालन होगा और आसान
अक्सर देखा गया है कि तालाबों और जलाशयों में मछली पकड़ने के दौरान दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए अब मछली पालकों को एक विशेष सुरक्षा किट दी जाएगी. इस किट में लाइफ जैकेट, मजबूत नाव, और जाल जैसी तमाम जरूरी चीजें शामिल होंगी. जिले के प्रभारी अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि ये योजना मछली पालकों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. इससे वे निडर होकर और ज्यादा आत्मविश्वास के साथ काम कर सकेंगे.
जागरूकता के लिए चल रहा है विशेष अभियान
मछली पालन के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए जनपद में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अधिकारियों और विभागीय कर्मचारियों द्वारा गांव-गांव जाकर किसानों को योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण में सहायता भी की जा रही है. इस पहल से ना केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि जो युवा कृषि में कम रुचि रखते हैं, वे भी अब मत्स्य पालन के जरिए आमदनी बढ़ा सकेंगे. यह योजना खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जिनके पास अपने तालाब या जलाशय हैं, या वे किराए पर लेकर यह व्यवसाय करना चाहते हैं.
सरकार का लक्ष्य: आत्मनिर्भर बनाना ग्रामीण भारत को
सरकार की इस पहल का उद्देश्य है कि ग्रामीण भारत के किसान अब सिर्फ खेती पर निर्भर ना रहें, बल्कि विविध आय स्रोतों को अपनाकर आत्मनिर्भर बनें. मछली पालन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है, बशर्ते किसानों को सही समय पर सहायता और संसाधन मिलें. मत्स्य विभाग द्वारा दी जा रही यह सुविधाएं किसानों के सपनों को पंख देने जैसी हैं. यदि सही तरीके से योजनाओं का लाभ लिया जाए, तो मछली पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बन सकता है.
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