Haryana News: हरियाणा के करनाल जिले में धान खरीद के दौरान अनियमितताओं की खबर सामने आई है. ऐसे में करनाल सिटी पुलिस थाने में अनाज मंडी सचिव आशा रानी, राजेंद्र कुमार, अमित कुमार और अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह मामला मंडी बोर्ड के जिला प्रबंधक (डीएमईओ) ईश्वर सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ है, जिसमें धान खरीद के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है. एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) के तहत दर्ज हुई है.
मंडी समिति के एक अधिकारी ने कहा कि सचिव आशा रानी सोमवार से ‘बीमार अवकाश’ पर चली गई हैं. यह धान खरीद में गड़बड़ियों से जुड़ा तीसरा मामला है. इससे पहले एक चावल मिल, एक मंडी सचिव, चार निरीक्षकों और एक उप-निरीक्षक के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. अधिकारियों ने कहा कि करनाल के डिप्टी कमिश्नर उत्तम सिंह के आदेश पर जिलेभर में जांच शुरू की गई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
करनाल ग्रेन मार्केट में जारी किए गए गेट पास
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पाया गया कि करनाल ग्रेन मार्केट में जारी किए गए कुछ गेट पास अनियमित थे. कुछ पास ऐसे आईपी एड्रेस से जारी हुए जो मंडी क्षेत्र से बाहर के थे. इन गेट पास से जुड़े मोबाइल नंबरों में इंद्री के राजेंद्र कुमार, जुंडला के अमित कुमार और नारुखेड़ी के अजय कुमार के नंबर शामिल थे. रिपोर्ट के अनुसार, इन अनियमितताओं में मंडी समिति के अधिकारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता.
अनाज मंडी में धान खरीद की उचित व्यवस्था
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि मंडी समिति की सचिव अनाज मंडी में धान खरीद की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि सचिव आशा रानी ने निजी लोगों को गेट पास जारी करने का काम सौंपा था, इसलिए इस पूरे मामले की गहन जांच जरूरी है. अधिकारियों ने बताया कि साइबर सेल इंचार्ज ने भी इन अनियमितताओं की विस्तृत जांच की सिफारिश की है.
तुरंत गिरफ्तारी की मांग की और चेतावनी
पिछले महीने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने करनाल मंडी के सुपरवाइजर हरदीप, अश्वनी और नीलामी रेकॉर्डर सतबीर को निलंबित कर दिया था. इस मामले के बाद किसान नेता बहादुर मेहला ने मांग की कि इस केस में शामिल सभी अधिकारियों को, और पहले दर्ज हुए दो मामलों के आरोपियों को भी तुरंत गिरफ्तार किया जाए. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राज्य अध्यक्ष रतन मान ने सरकार पर ‘मल्टी-करोड़ धान घोटाले’ का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक संरक्षण में हुआ है. उन्होंने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की और चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो बीकेयू राज्यभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा.