अमरूद की फसल को लार्वा से बचाएं, इन देसी और असरदार उपायों से मिलेगी मदद

हर 2–3 दिन में फलों और पत्तियों की जांच करें. अगर कोई फल खराब दिखे, छेद हो, या पत्तियां पीली पड़ने लगे, तो समझ जाइए कीड़ा लग चुका है. जितनी जल्दी पहचान होगी, उतनी जल्दी इलाज होगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 30 May, 2025 | 04:25 PM

अमरूद एक बहुत ही स्वादिष्ट और सेहतमंद फल है, जो शहरों और गांवों दोनों में खूब पसंद किया जाता है. लेकिन अमरूद उगाने वाले किसानों को एक बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है और वो है कीड़े लगने की समस्या. ये कीड़े, जिन्हें लार्वा कहते हैं, अमरूद के फलों को अंदर से खराब कर देते हैं. इससे न सिर्फ फसल का नुकसान होता है, बल्कि किसान को आर्थिक घाटा भी उठाना पड़ता है. तो चलिए जानते हैं, अमरूद में ये कीड़े क्यों लगते हैं, किस तरह का नुकसान करते हैं, और किसान इन्हें रोकने के लिए क्या-क्या उपाय कर सकते हैं.

अमरूद में कीड़े (लार्वा) क्यों लगते हैं?

अमरूद में कीड़े दो तरह के कीटों की वजह से आते हैं, पहला फल मक्खी (Fruit fly) और दूसरा छोटी पतंगें (Moths).ये कीट अमरूद के फलों या पौधे की कोमल टहनियों पर अंडे देते हैं. अंडे से छोटे-छोटे कीड़े (लार्वा) निकलते हैं, जो फल के अंदर घुसकर उसे सड़ा देते हैं. फल खाने लायक नहीं बचता और पूरा बाग प्रभावित हो सकता है.

लार्वा से बचने के आसान उपाय:

1. साफ-सफाई बनाए रखें
गिरे हुए या सड़े हुए फलों को रोजाना बगीचे से हटा दें. इससे कीड़े बगीचे में फैल नहीं पाएंगे. सूखी और कमजोर टहनियों की कटाई (छंटाई) भी समय-समय पर करें.

2. फेरोमोन ट्रैप लगाएं
ये एक खास किस्म का जाल होता है जो कीड़ों को अपनी खुशबू से खींचकर पकड़ लेता है. इससे कीड़े कम हो जाते हैं और अंडे देना बंद कर देते हैं.

3. अच्छे कीड़ों की मदद लें
कुछ अच्छे कीड़े जैसे परजीवी ततैया और शिकारी भृंग (Beetle) लार्वा को खा जाते हैं. ये कीड़े हमारे खेत के दोस्त होते हैं.

4. जैविक दवाइयां (ऑर्गेनिक स्प्रे) लगाएं
नीम का तेल, स्पिनोसैड या बीटी पाउडर जैसी जैविक दवाएं छिड़कने से लार्वा मर जाते हैं और फसल सुरक्षित रहती है. ये दवाएं खेत और पर्यावरण दोनों के लिए सुरक्षित होती हैं.

5. फसल बदल-बदल कर उगाएं
हर बार एक ही फसल लगाने से कीड़े बार-बार आ जाते हैं. इसलिए फसल बदलते रहें और साथ में तुलसी, गेंदा जैसे पौधे भी लगाएं, जो कीड़ों को भगाते हैं.

6. फसल की निगरानी करें
हर 2–3 दिन में फलों और पत्तियों की जांच करें. अगर कोई फल खराब दिखे, छेद हो, या पत्तियां पीली पड़ने लगे, तो समझ जाइए कीड़ा लग चुका है. जितनी जल्दी पहचान होगी, उतनी जल्दी इलाज होगा.

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