कर्नाटक बजट 2025: सीएम सिद्धारमैया ने कृषि को दिए 51,339 करोड़ रुपये

कृषि क्षेत्र ने पिछले वर्ष -4.9 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर का सामना किया था. साल 2024-25 में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उबर चुका है. राष्‍ट्रीय कृषि विकास दर 3.8 प्रतिशत से आगे निकल गया है.

Kisan India
Noida | Updated On: 7 Mar, 2025 | 02:18 PM

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया. इसमें चालू वित्त वर्ष में विभिन्न गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 51,034 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई. सीएम सिद्धारमैया ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए इन गारंटियों का प्रबंधन किया है. पिछले दो बजटों में जीएसडीपी के 3 फीसदी के राजकोषीय घाटे के मानदंड और 25 फीसदी के ऋण-जीएसडीपी अनुपात का पालन किया है.

अच्‍छे मॉनसून से सुधरी स्थिति

कृषि क्षेत्र ने पिछले वर्ष -4.9 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर का सामना किया था. साल 2024-25 में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उबर चुका है. राष्‍ट्रीय कृषि विकास दर 3.8 प्रतिशत से आगे निकल गया है. इस सुधार का श्रेय खरीफ की बुआई को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलों, अनुकूल मानसून की स्थिति और जलाशयों के बेहतर स्तर को दिया जा रहा है. सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए अपने आवंटन को पिछले साल के 44,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 51,339 करोड़ रुपये कर दिया है.

बुनियादी ढांच को विकसित करने पर जोर

कर्नाटक में संतुलित बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मुख्यमंत्री बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम (सीएमआईडीपी) शुरू किया है. उनकी पहल सभी विधानसभा क्षेत्रों में लघु सिंचाई, सड़क नेटवर्क और शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर केंद्रित होगी. सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. वाणिज्यिक कर, आबकारी, स्टाम्प और पंजीकरण, परिवहन और खान एवं भूविज्ञान सहित प्रमुख राजस्व-उत्पादक विभागों में ग्रुप-बी और ग्रुप-सी पदों के लिए एक नई परामर्श-आधारित स्थानांतरण प्रणाली शुरू की जाएगी.

राज्‍य में आई नई औद्योगिक नीति

औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, कर्नाटक ने एक नई औद्योगिक नीति (2025-30) पेश की है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 12 प्रतिशत औद्योगिक विकास और 20 लाख नौकरियों का सृजन करना है. चालू वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी के लिए 13,692 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. सेवा क्षेत्र कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना हुआ है, जो राज्य के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) का 66 प्रतिशत हिस्सा है.

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Published: 7 Mar, 2025 | 02:18 PM

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